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Uttarkashi News: वरुणावत टॉप से तेखला तक बिखरा है कूड़ा
संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तर काशी
Updated Wed, 19 Nov 2025 06:01 PM IST
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गंदगी से संक्रामक रोग के फैलने का खतरा, बंदरों की बनी है दहशत
उत्तरकाशी। बाड़ाहाट पट्टी के संग्राली, पाटा और बग्याल गांव के ग्रामीणों ने पर्यटकों की ओर से तेखला बैंड से वरुणावत पर्वत के टॉप पर जगह-जगह कूड़ा बिखरने पर आक्रोश व्यक्त किया है। क्षेत्र धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं जहां कंडार देवता, विमलेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है। खुले में कूड़ा फेंकने से फैल रही गंदगी के कारण संक्रामक रोग के फैलने के साथ ही बंदरों की दहशत बनी है। ग्रामीणों ने पर्यटन स्थल की साफ-सफाई के लिए प्रशासन और वन विभाग से सहयोग मांगा है।
नगर पालिका के पूर्व सभासद देवेंद्र चौहान ने बताया कि वरुणावत पर्वत पर प्रतिदिन सैकड़ों पर्यटक और लोग घूमने पहुंच रहे हैं जहां वरुणावत व्यू प्वाइंट से लोग उत्तरकाशी शहर और हिमालय की चोटियों का दीदार कर रहे हैं लेकिन पर्यटक इस दौरान तेखला बैंड से लेकर वरुणावत पर्वत तक कूड़ा फैलाकर लौट रहे हैं।
इससे ग्रामीणों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव की महिलाएं जंगल में घास काटने जाती है लेकिन जंगलों में शराब की बोतलें बिखरी पड़ी रहती है। इससे महिलाओं के साथ ही पशुपालकों को अपने पशुओं को चारा चराने में भी दिक्कत हो रही है। पर्यटन स्थल के साथ ही संग्राली गांव में कंडार देवता और गांव के ऊपर विमलेश्वर महादेव का मंदिर है जहां हर दिन जिला मुख्यालय से श्रद्धालु जलाभिषेक व दर्शनों के लिए पहुंचते हैं लेकिन पैदल व सड़क पर कूड़ा फैला होने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने वन विभाग और प्रशासन से खुले में फेंके जा रहे कूड़े और गंदगी को रोकथाम के लिए जल्द ठोस कदम उठाने की मांग की है।
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उत्तरकाशी। बाड़ाहाट पट्टी के संग्राली, पाटा और बग्याल गांव के ग्रामीणों ने पर्यटकों की ओर से तेखला बैंड से वरुणावत पर्वत के टॉप पर जगह-जगह कूड़ा बिखरने पर आक्रोश व्यक्त किया है। क्षेत्र धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं जहां कंडार देवता, विमलेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है। खुले में कूड़ा फेंकने से फैल रही गंदगी के कारण संक्रामक रोग के फैलने के साथ ही बंदरों की दहशत बनी है। ग्रामीणों ने पर्यटन स्थल की साफ-सफाई के लिए प्रशासन और वन विभाग से सहयोग मांगा है।
नगर पालिका के पूर्व सभासद देवेंद्र चौहान ने बताया कि वरुणावत पर्वत पर प्रतिदिन सैकड़ों पर्यटक और लोग घूमने पहुंच रहे हैं जहां वरुणावत व्यू प्वाइंट से लोग उत्तरकाशी शहर और हिमालय की चोटियों का दीदार कर रहे हैं लेकिन पर्यटक इस दौरान तेखला बैंड से लेकर वरुणावत पर्वत तक कूड़ा फैलाकर लौट रहे हैं।
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इससे ग्रामीणों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव की महिलाएं जंगल में घास काटने जाती है लेकिन जंगलों में शराब की बोतलें बिखरी पड़ी रहती है। इससे महिलाओं के साथ ही पशुपालकों को अपने पशुओं को चारा चराने में भी दिक्कत हो रही है। पर्यटन स्थल के साथ ही संग्राली गांव में कंडार देवता और गांव के ऊपर विमलेश्वर महादेव का मंदिर है जहां हर दिन जिला मुख्यालय से श्रद्धालु जलाभिषेक व दर्शनों के लिए पहुंचते हैं लेकिन पैदल व सड़क पर कूड़ा फैला होने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने वन विभाग और प्रशासन से खुले में फेंके जा रहे कूड़े और गंदगी को रोकथाम के लिए जल्द ठोस कदम उठाने की मांग की है।