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Uttarkashi News: दुर्गम मार्ग और सीमित ट्रेड होने से आईटीआई का अस्तित्व संकट में
संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तर काशी
Updated Wed, 03 Dec 2025 03:51 PM IST
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युवाओं को नहीं मिल पा रहा है संस्थान का लाभ
पुरोला। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मोरी में छात्रों के प्रवेश न के बराबर होने से संस्थान के अस्तित्व पर संकट है। नानाई में स्थित यह संस्थान मोरी बाजार से लगभग साढ़े तीन किलोमीटर दूर दुर्गम मार्ग पर होने के कारण युवाओं की पहुंच से दूर है जिससे युवा इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान वर्ष 2005-06 में खोला गया था और वर्ष 2014 से विधिवत रूप से संचालित हुआ। वर्ष 2021-22 में नानाई में भवन निर्मित होने के बाद से यह वहीं संचालित हो रहा है। हालांकि सीमित ट्रेड होने के कारण क्षेत्र के युवाओं को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में केवल सिलाई-कताई और फिटर ट्रेड ही चल रहे हैं लेकिन हालात चिंताजनक हैं।
सिलाई-कताई में इस सत्र में एक भी प्रवेश नहीं हुआ है जबकि फिटर ट्रेड में केवल 12 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया है। क्षेत्र के विपिन चौहान, राजेंद्र रावत, प्रताप सिंह ने बताया कि यदि संस्थान में इलेक्ट्रिशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर, मोटर मैकेनिकल जैसे रोजगारपरक ट्रेड शुरू किए जाए तो क्षेत्र के अधिकतर युवा प्रवेश लेने के लिए प्रेरित होंगे।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संस्थान में छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ मोरी बाजार से नानाई स्थित आईटीआई तक नियमित यातायात सुविधा शुरू करने की मांग की। आईटीआई मोरी के प्रभारी रोशन सिंह राणा ने बताया कि उन्होंने गांव-गांव में पोस्टर चस्पा कर प्रचार-प्रसार किया था। इसके साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करने का अभियान भी चलाया गया। इसके बावजूद प्रवेश संख्या में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो सकी।
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पुरोला। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मोरी में छात्रों के प्रवेश न के बराबर होने से संस्थान के अस्तित्व पर संकट है। नानाई में स्थित यह संस्थान मोरी बाजार से लगभग साढ़े तीन किलोमीटर दूर दुर्गम मार्ग पर होने के कारण युवाओं की पहुंच से दूर है जिससे युवा इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान वर्ष 2005-06 में खोला गया था और वर्ष 2014 से विधिवत रूप से संचालित हुआ। वर्ष 2021-22 में नानाई में भवन निर्मित होने के बाद से यह वहीं संचालित हो रहा है। हालांकि सीमित ट्रेड होने के कारण क्षेत्र के युवाओं को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में केवल सिलाई-कताई और फिटर ट्रेड ही चल रहे हैं लेकिन हालात चिंताजनक हैं।
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सिलाई-कताई में इस सत्र में एक भी प्रवेश नहीं हुआ है जबकि फिटर ट्रेड में केवल 12 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया है। क्षेत्र के विपिन चौहान, राजेंद्र रावत, प्रताप सिंह ने बताया कि यदि संस्थान में इलेक्ट्रिशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर, मोटर मैकेनिकल जैसे रोजगारपरक ट्रेड शुरू किए जाए तो क्षेत्र के अधिकतर युवा प्रवेश लेने के लिए प्रेरित होंगे।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संस्थान में छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ मोरी बाजार से नानाई स्थित आईटीआई तक नियमित यातायात सुविधा शुरू करने की मांग की। आईटीआई मोरी के प्रभारी रोशन सिंह राणा ने बताया कि उन्होंने गांव-गांव में पोस्टर चस्पा कर प्रचार-प्रसार किया था। इसके साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करने का अभियान भी चलाया गया। इसके बावजूद प्रवेश संख्या में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो सकी।