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यमुनोत्री हाईवे : भूस्खलन ट्रीटमेंट की लागत बढ़ी, केंद्र को भेजी डीपीआर
संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तर काशी
Updated Wed, 03 Dec 2025 04:59 PM IST
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13 भूस्खलन जोन का किया जाना है ट्रीटमेंट कार्य
बरसात में धरासू बैंड से सिलक्यारा तक नौ व पोलगांव से पालीगाड तक पांच जाने हैं सक्रिय
चिन्यालीसौड़। यमुनोत्री हाईवे पर मानसून के बाद 13 भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग की ओर से केंद्र सरकार को करीब 209.14 करोड़ की डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजी गई है। साथ ही विभाग की ओर से अभी एक ओर भूस्खलन जोन के मरम्मतीकरण के लिए डीपीआर तैयार कर भेजी जाएगी। उसमें लागत करीब आठ करोड़ बढ़ाकर भेजा जाएगा।
इस वर्ष मानसून सीजन में धरासू-फूलचट्टी-यमुनोत्री हाईवे पर धरासू बैंड से सिलक्यारा तक नौ भूस्खलन जोन और पोलगांव से पालीगाड तक पांच भूस्खलन जोन सक्रिय हुए हैं। इनके कारण चारधाम यात्रा सहित स्थानीय लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ा। एनएच विभाग का कहना है कि गत वर्ष के मुकाबले इस साल बरसाती सीजन में भूस्खलन जोन और क्षतिग्रस्त स्थानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। क्योंकि इस साल कई जगहों पर हाईवे और सड़क धंसने की समस्याएं भी सामने आई है।
विभाग के अधिशासी अभियंता मनोज रावत ने बताया कि बरसात से पहले 14 भूस्खलन जोन का 216.24 करोड़ की डीपीआर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजी गई थी लेकिन अधिक भूस्खलन से लागत में इजाफा हुआ है। अब 13 भूस्खलन जोन की रिवाइज डिपीआर 209.14 करोड़ की डीपीआर तैयार केंद्र सरकार को भेजी गई है। इसमें एक भूस्खलन जोन की डीपीआर शामिल होनी बाकी है। उसको भेजने के बाद 14 भूस्खलन जोन में करीब आइ करोड़ की डीपीआर में लागत बढ़ी है।
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बरसात में धरासू बैंड से सिलक्यारा तक नौ व पोलगांव से पालीगाड तक पांच जाने हैं सक्रिय
चिन्यालीसौड़। यमुनोत्री हाईवे पर मानसून के बाद 13 भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग की ओर से केंद्र सरकार को करीब 209.14 करोड़ की डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजी गई है। साथ ही विभाग की ओर से अभी एक ओर भूस्खलन जोन के मरम्मतीकरण के लिए डीपीआर तैयार कर भेजी जाएगी। उसमें लागत करीब आठ करोड़ बढ़ाकर भेजा जाएगा।
इस वर्ष मानसून सीजन में धरासू-फूलचट्टी-यमुनोत्री हाईवे पर धरासू बैंड से सिलक्यारा तक नौ भूस्खलन जोन और पोलगांव से पालीगाड तक पांच भूस्खलन जोन सक्रिय हुए हैं। इनके कारण चारधाम यात्रा सहित स्थानीय लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ा। एनएच विभाग का कहना है कि गत वर्ष के मुकाबले इस साल बरसाती सीजन में भूस्खलन जोन और क्षतिग्रस्त स्थानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। क्योंकि इस साल कई जगहों पर हाईवे और सड़क धंसने की समस्याएं भी सामने आई है।
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विभाग के अधिशासी अभियंता मनोज रावत ने बताया कि बरसात से पहले 14 भूस्खलन जोन का 216.24 करोड़ की डीपीआर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजी गई थी लेकिन अधिक भूस्खलन से लागत में इजाफा हुआ है। अब 13 भूस्खलन जोन की रिवाइज डिपीआर 209.14 करोड़ की डीपीआर तैयार केंद्र सरकार को भेजी गई है। इसमें एक भूस्खलन जोन की डीपीआर शामिल होनी बाकी है। उसको भेजने के बाद 14 भूस्खलन जोन में करीब आइ करोड़ की डीपीआर में लागत बढ़ी है।