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भाटापारा नगर पालिका अध्यक्ष का बड़ा कदम: भ्रष्टाचार और लापरवाही पर सख्ती, निष्पक्ष जांच की मांग
छत्तीसगढ़ प्रदेश की सबसे बड़ी नगर पालिका भाटापारा नगर पालिका को बने लगभग 45 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस दौरान नगर पालिका में आठ अध्यक्षों ने अपनी सेवाएं दी हैं। जिसमें प्रथम अध्यक्ष गनपत लाल शर्मा, 2- अमरीक राजपाल, 3- बसंत भृगु, 4- प्रणीता पाण्डे, 5- ओम प्रकाश रात्रे, 6- कमला हरबंस ,7- मोहन बांधे, 8- सुनीता गुप्ता और वर्तमान 2025 में 9वां अध्यक्ष अस्वनी शर्मा है। मार्च 2025 में अश्वनी शर्मा ने 9वें अध्यक्ष के रूप में शपथ ली। अध्यक्ष पद की दावेदारी से लेकर शपथ ग्रहण तक शहरवासियों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं थीं। ठेकेदारों की मनमानी चलेगी, भ्रष्टाचार चरम पर रहेगा, शहर होर्डिंग-बैनरों से पटा रहेगा और गरीबों की सुनवाई नहीं होगी। लेकिन शपथ लेने के बाद अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने इन धारणाओं को तोड़ते हुए सबसे पहले शहर की सड़कों पर लगे अपने बैनर-पोस्टर स्वयं हटाए और नगरवासियों को पारदर्शिता का संदेश दिया।
वार्ड क्रमांक 25 में चर्च से लेकर रेलवे क्रॉसिंग तक 15वें वित्त आयोग मद से आर.सी.सी. नाली निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था। किंतु निर्माणाधीन अवस्था में ही नाली की दीवार ढह गई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कलेक्टर बलौदाबाजार-भाटापारा को पत्र भेजकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि अब तक इस कार्य का कोई भुगतान नगर पालिका द्वारा ठेकेदार को नहीं किया गया है। जांच उपरांत गुणवत्ता, तकनीकी खामियों और जिम्मेदारी तय करना आवश्यक है ताकि जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग न हो।
इस दौरान नगर पालिका उपाध्यक्ष दिलीप छाबड़िया, सभापति गोविंद पटेल, सतीश तलरेजा और दशरथ साहू भी मौजूद रहे। अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि "हमारी दृढ़ मान्यता है कि विकास कार्य पूर्ण पारदर्शिता और उत्कृष्ट गुणवत्ता के साथ हों। जनता के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं है। जिम्मेदार एजेंसियों की जवाबदेही तय करना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।" नगर पालिका अध्यक्ष की यह पहल जनहित की रक्षा और जवाबदेह प्रशासनिक व्यवस्था की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे स्थानीय नागरिकों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा।
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