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VIDEO : गुरुग्राम के चर्च ऑफ एपिफेनी को मिला यूनेस्को का मेरिट अवार्ड, पहली बार 1862 में हुई थी प्रार्थना
गुरुग्राम के सिविल लाइंस स्थित चर्च ऑफ एपिफेनी में क्रिसमस की तैयारियां चल रही हैं। गुरुग्राम का यह चर्च कई मायनों में ऐतिहासिक है। दिल्ली डायसिस के इस नॉर्थ इंडियन चर्च की पुरानी बिल्डिंग 1867 की है। चर्च के पुराने भवन को संरक्षित रखने के लिए इस साल यूनेस्को ने एशिया पैसफिक क्षेत्र में कल्चरल हेरिटेज का मेरिट अवार्ड दिया है। दो साल पहले साल भी सोवियत रूस के एक संगठन ने भी पुरानी विरासत को बेहतर तरीके से रखने के लिए पुरस्कृत किया था। चर्च का पुराना भवन 1867 का है, लेकिन इसके पहले 1862 ईस्वी में यहां प्रार्थना शुरू हो गई थी।
सिविल लाइंस की यह जगह 1857 में भारतीय स्वतंत्रता की लड़ाई में विद्रोह को रोकने के लिए सैन्य छावनी बनाई गई थी। इस सैन्य छावनी में यह जगह प्रार्थना स्थल बना और इसके बाद चर्च की बिल्डिंग बनी। चर्च इंग्लैंड के पुराने चर्चो की तर्ज पर बना है, जिसे गैरिसन चर्च कहा जाता है। चर्च के साथ एक नया चर्च बनाया गया है जिसमें वर्ष 2001 से प्रार्थना सभाएं शुरू हुई। यह आबादी के हिसाब से बड़ा है। नया चर्च भी अपने आप में ऐतिहासिक है। इस चर्च भवन के आर्किटेक्ट रंजीत जॉन का बनाया हुआ है। चर्च के आर्किटेक्ट के रूप में उनका गिनीज बुक में दर्ज बताया गया है। चर्च में ईसा मसीह के जन्म पर सजाई जाने वाली झांकी सजा दी गई है।
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