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नूंह में बारिश से जलमग्न हुए 5,000 एकड़ खेत, विधायक आफताब अहमद ने जल निकासी और मुआवजे की मांग की
नूंह में लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और करीब 5,000 एकड़ से अधिक खेतों में बुआई न होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें छा गई हैं। आकेड़ा, कोटला, मेवली, खानपुर, जलालपुर, सुड़ाका, बैंसी, गोलपुरी, घासेड़ा, नूंह सहित एक दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। इस समस्या के समाधान के लिए नूंह के विधायक चौधरी आफताब अहमद ने शुक्रवार को सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर (एसई) सहित अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की और जल निकासी का स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। विधायक ने सिंचाई विभाग के एसई को मौके का मुआयना कर जल निकासी की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने उनसे मिलकर चिंता जताई कि उनके खेतों में बुआई नहीं हो पा रही है और यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है। विधायक ने कहा कि भारी बारिश और स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण हालात बदतर हैं। सरकारी इमारतें, स्कूल, पुलिस थाने, रेस्ट हाउस, अस्पताल और रास्ते पानी में डूबे हैं। गरीबों के मकान ढह गए हैं, कई लोगों की जान चली गई है, और खेत-खलिहान जलमग्न हैं।आफताब अहमद ने अधिकारियों को विशेष पंप लगाकर जल निकासी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, जिस पर अधिकारियों ने प्राथमिकता के आधार पर कार्य पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा, विधायक ने जिला उपायुक्त (डीसी) से मुलाकात कर जल निकासी के लिए ठोस कदम उठाने और अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 5,000 एकड़ से अधिक जलमग्न जमीन के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, इसलिए समय रहते जल निकासी सुनिश्चित की जाए। विधायक ने यह भी बताया कि अत्यधिक बारिश के कारण मकान ढहने से दो परिवारों की मौत हो गई, जिसके लिए उन्होंने जिला उपायुक्त से आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की। डीसी ने इस पर सकारात्मक रवैया अपनाते हुए सहमति जताई और आश्वासन दिया कि जल निकासी के लिए गंभीर कदम उठाए जाएंगे।
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