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बिलासपुर: शिमला-धर्मशाला हाईवे पर मलबा फेंककर फिर किया कब्जा
शिमला-धर्मशाला हाईवे पर बिलासपुर के मंगरोट में जमीनी विवाद फिर शुरू हो गया। हाईवे की जमीन पर दावा करने वाले मंगरोट के राजनकांत ने हाईवे की लेन पर मलबा फेंककर कब्जा कर लिया। इस कारण हाईवे की एक लेन करीब 200 मीटर तक बाधित हो गई है। राजनकांत का दावा है कि हाईवे की 17 बिस्वा भूमि उनकी है, जो प्रशासन की निशानदेही में ही निकली है।
बता दें कि मंगरोट हाईवे विवाद करीब तीन साल से अधिक समय से चल रहा है। दिसंबर 2022 में उच्च न्यायालय के आदेश पर मंगरोट में हाईवे के किनारे से राजन कांत शर्मा के खोखे को हटाया गया था। राजनकांत शर्मा ने तब हाईवे की आठ बिस्वा भूमि पर अपना दावा किया। हाईवे पर खोखा भी लगा दिया, जिसे हटाने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। मामले में कोई परिणाम नहीं निकलने पर राजनकांत ने मार्च 2023 में फिर से खोखा लगा दिया था। तब प्रशासनिक अधिकारियों के निशानदेही करने के आश्वासन पर राजनकांत ने खोखा हटाया था। इसके बाद निशानदेही की गई जिसमें हाईवे आठ बिस्वा भूमि निजी पाई गई। इस निशानदेही के विरोध में लोक निर्माण विभाग ने तहसीलदार कोर्ट में अपील दायर की। कोर्ट के आदेश पर इस साल जनवरी में फिर निशानदेही की गई। निशानदेही में पाया गया कि लोक निर्माण विभाग ने हाईवे को राजनकांत की मां के नाम पर 17 बिस्वा भूमि से होकर निकाला है। राजनकांत प्रशासन ने अपनी भूमि को वापस देने की मांग कर रहा है।
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