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हमीरपुर: मेहनत की सीढ़ी चढ़कर आत्मनिर्भर बनीं कुठेड़ा की गीतिका
मेहनत की सीढ़ी चढ़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं। इसकी बानगी कुठेड़ा की गीतिका ने पेश की है। तीन साल पहले लेडिस पर्स बनाने की कला को सफलता का पायदान बनाया और अब वे खुद के संसाधनों से आठ से दस हजार रुपये की आमदनी कर रही हैं। वे दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं। पर्स बनाने के साथ स्वेटर भी बना रही हैं। पर्स बनाने की कला को सीखा और अब उसे स्वरोजगार बना लिया। गीतिका राधे-राधे स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। समूह के तहत महिलाएं अन्य कई कार्यों में जुटी हैं और काफी पैसे कमा रही हैं। गीता देवी ने बताया कि 2023 से उसने यह कार्य शुरू किया। उसके दिमाग में कुछ नया करने की बात घर कर गई। काफी सोच विचार किया और बाद में लेडिस पर्स बनाना शुरू कर दिया। शुरूआत में कुछ अड़चने आईं लेकिन अब दायरा बढ़ा है और इसका लाभ उन्हें मिल रहा है। आकार के आधार पर पर्स का मूल्य तय किया गया है। इसके बाद सिलाई कार्य भी शुरू कर दिया। हालांकि, स्वेटर का कार्य केवल सर्दियों में ही चलता है। इसके बाद भी वह अच्छी आमदनी कर रही हैं।
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