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गोहर: भक्ति परंपरा और उत्सव का संगम बनी मुंडासन माता की जातर
नाचन क्षेत्र के देवीदहड़ स्थित प्राचीन सिद्धपीठ माता मुंडासन की पांच दिवसीय जातर (मेला) हर्षोल्लास और भक्तिभाव के साथ संपन्न हुई। इस धार्मिक अनुष्ठान में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और देवी के दरबार में हाजिरी भरकर आशीर्वाद प्राप्त किया। जातर की समस्त पारंपरिक रस्मों का निर्वहन बड़ा देव कमरूनाग के गूर देवी सिंह की अगुवाई में किया गया। उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना के साथ जातर को पूर्णता प्रदान की। देवी मुंडासन की जातर में विशेष आकर्षण का केंद्र रहा देवी का देव बुड्ढा गडौण के साथ दिव्य मिलन। जिसे देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। मेला समापन के अंतिम दिन बारिश में भी भक्ति भाव में कोई कमी नहीं आई। बड़ी संख्या में देवलु और गुर नाटी में झूमते नजर आए। बड़ा देव कमरूनाग के गूर देवी सिंह सहित अन्य देवी-देवताओं के गूरों ने भारी वर्षा में भी उत्साहपूर्वक नाटी डालकर जातर को विदा दी। इस अवसर पर गूर देवी सिंह ने बताया कि माता मुंडासन ने हार द्वार क्षेत्र की रक्षा का आशीर्वाद दिया है। उन्होंने इसे क्षेत्रवासियों के लिए शुभ संकेत बताया और माता के आशीर्वाद से समृद्धि व सुरक्षा की कामना की।
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