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VIDEO : तकनीकी शिक्षा मंत्री बोले- अब स्टार्टअप के लिए सरकार के 2 करोड़ के बजट से मिलेगी मदद
टेक्सटाइल से लेकर ऑर्चर्ड मैनेजमेट तक इंजीनियरिंग और बहुतकनीकी संस्थानों में एआई और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है । ताकि प्रशिक्षु स्तर पर ही सभी को उधमिता की तरफ मोड़ा जा सके। ये बात प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने सुंदर नगर में इंटर कॉलेज पोलिटिकल कॉलेज की खेलकूद व सास्कृतिक प्रतियोगिता के समापन करने से पहले पत्रकारों से कही। उन्होने कहा कि अब तकनीकी शिक्षा को हर व्यवसाय के पहलू के साथ जोड़कर लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि जैसे टेक्सटाइल में गारमेंट्स निटिंग ,ऑर्चर्ड मैनेजमेंट को आईटीआई के साथ जोड़कर एक प्रशिक्षु को एक टेक्सटाइल से लेकर ऑर्चर्ड मैनेजमेट तक इंजीनियरिंग और बहुतकनीकी संस्थानों में एआई और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि प्रशिक्षु स्तर पर ही सभी को उधमिता की तरफ मोड़ा जा सके। ये बात प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने सुंदरनगर में इंटर कॉलेज पोलिटिकल कॉलेज की खेलकूद व सास्कृतिक प्रतियोगिता के समापन करने से पहले पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि अब तकनीकी शिक्षा को हर व्यवसाय के पहलू के साथ जोड़कर लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि जैसे टेक्सटाइल में गारमेंट्स निटिंग ,ऑर्चर्ड मैनेजमेंट को आईटीआई के साथ जोड़कर एक प्रशिक्षु को एक व्यवसाय के साथ समान व्यवसाय के लिए निपुण करने की कोशिश की जा रही है। उसी तरह से एआई के चलन और हर दिन बदलती तकनीकों के साथ अपडेट रहने के लिए प्रशिक्षुओं को ततपरता से जोड़ने के लिए सभी कोर्सेस को अपग्रेड किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि हुनर को स्टार्टअप में बदलने के लिए तकनीकी शिक्षा की पहल में अब स्टार्टअप के लिए सरकार के 2 करोड़ के बजट से मदद मिलेगी। उन्होने कहा कि तकनीकी निदेशालय अब अपने बहु तकनीकी महाविद्यालयों में स्टार्टअप को धरातल पर उतारने के लिए तैयारी कर चुका है।आम तौर पर आर्थिक संसाधनों की कमी के चलते कई मेधावियों को अपने नवाचार को स्टार्टअप में बदलने के लिए काफी परेशानी आती थी। इस बार प्रदेश सरकार ने अपने बजट में स्टार्टअप में 2 करोड़ का प्रावधान कर दिया है। ताकि यह स्टार्टअप योजना उन मेधावियों के लिए वरदान बन सके जो आर्थिक तंगी की वजह से अपने नवाचार को मूरत रूप नही दे पाते थे। दूसरी तरफ स्टार्टअप में सरकार की तरफ से दो करोड़ के बजट से कई चीजें खरीदने में आसानी हो जाएगी। जिनकी वजह से स्टार्टअप का विचार अपना रूप लेगा। इस स्टार्टअप योजना को हर ट्रेड में लागू किया है। ताकि नवाचार के जरिये पारम्परिक तकनीकों को भी ज्यादा उपयोगी बनाया जा सके । दूसरी तरफ स्टार्ट अप के जरिये तकनीकी शिक्षा के प्रशिक्षु अपने स्टार्टअप के जरिये एक बिजनेस मॉडल तैयार करें। ताकि उसके जरिये वह सुलभ सुगम और टिकाऊ रोजगार स्वंय भी प्राप्त करे और भावी पीढ़ी को भी रोजगार के अवसर पैदा करे। इसके बाद मंत्री ने जेएनजीईसी कॉलेज में गर्ल होस्टल बनाने के लिए भी निरीक्षण किया।इस मौके पर उनके साथ पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर भी उपस्थित रहे।व्यवसाय के साथ समान व्यवसाय के लिए निपुण करने की कोशिश की जा रही है। उसी तरह से एआई के चलन और हर दिन बदलती तकनीकों के साथ अपडेट रहने के लिए प्रशिक्षुओं को ततपरता से जोड़ने के लिए सभी कोर्सेस को अपग्रेड किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि हुनर को स्टार्टअप में बदलने के लिए तकनीकी शिक्षा की पहल में अब स्टार्टअप के लिए सरकार के 2 करोड़ के बजट से मदद मिलेगी। उन्होने कहा कि तकनीकी निदेशालय अब अपने बहु तकनीकी महाविद्यालयों में स्टार्टअप को धरातल पर उतारने के लिए तैयारी कर चुका है।आम तौर पर आर्थिक संसाधनों की कमी के चलते कई मेधावियों को अपने नवाचार को स्टार्टअप में बदलने के लिए काफी परेशानी आती थी। इस बार प्रदेश सरकार ने अपने बजट में स्टार्टअप में 2 करोड़ का प्रावधान कर दिया है। ताकि यह स्टार्टअप योजना उन मेधावियों के लिए वरदान बन सके जो आर्थिक तंगी की वजह से अपने नवाचार को मूरत रूप नही दे पाते थे। दूसरी तरफ स्टार्टअप में सरकार की तरफ से दो करोड़ के बजट से कई चीजें खरीदने में आसानी हो जाएगी। जिनकी वजह से स्टार्टअप का विचार अपना रूप लेगा। इस स्टार्टअप योजना को हर ट्रेड में लागू किया है। ताकि नवाचार के जरिये पारम्परिक तकनीकों को भी ज्यादा उपयोगी बनाया जा सके । दूसरी तरफ स्टार्ट अप के जरिये तकनीकी शिक्षा के प्रशिक्षु अपने स्टार्टअप के जरिये एक बिज़नेस मॉडल तैयार करें। ताकि उसके जरिये वह सुलभ सुगम और टिकाऊ रोजगार स्वंय भी प्राप्त करे और भावी पीढ़ी को भी रोजगार के अवसर पैदा करे। इसके बाद मंत्री ने जेएनजीईसी कॉलेज में गर्ल होस्टल बनाने के लिए भी निरीक्षण किया।इस मौके पर उनके साथ पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर भी उपस्थित रहे।
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