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Una: कविता के लिए सुक्खू सरकार बनी अभिभावक, मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना से मिला सहारा
किस्मत की दुश्वारियों से जूझती कविता के लिए हिमाचल की ‘सुक्खू सरकार’ सगे अभिभावक से कम नहीं है। ऊना जिले के जलग्रां टब्बा गांव की 24 वर्षीय कविता के सिर से छोटी उम्र में ही माता-पिता का साया उठ गया था। मौसी ने उसकी परवरिश की, लेकिन सीमित संसाधनों के कारण अनेक दिक्कतें थीं और अब कविता को आत्मनिर्भर बनाने और भविष्य को लेकर भी अनेक सवाल मुंह बाए खड़े थे। ऐसे में हिमाचल सरकार मां-बाप बनकर उसके साथ खड़ी हो गई। इस अनाथ बेटी को हिमाचल प्रदेश की मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना ने वह सहारा दिया है। पहले उसे हर महीने चार हजार रुपये पॉकेट मनी और कौशल विकास कोर्स की मदद मिली और अब विवाह के समय सरकार ने दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देकर उसकी ज़िंदगी को एक नई दिशा दी है। कविता बताती हैं कि जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने मुझे इस योजना के बारे में बताया, तो पहली बार महसूस हुआ कि कोई है जो हम जैसों की जिंदगी की फिक्र करता है। हमारे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और हिमाचल सरकार हमारे लिए सच्चे मायनों में अभिभावक हैं।कहा कि सरकार से हर महीने चार हजार रुपये की पॉकेट मनी मिलने से जीवन में गरिमा और सम्मान का अहसास हुआ। कविता की मौसी चंबा देवी ने कहा कि सरकार की मदद से न केवल पढ़ाई और शादी के खर्च पूरे हुए, बल्कि हमें सामाजिक सुरक्षा और सम्मान का भी अहसास हुआ। एकीकृत बाल विकास परियोजना के जिला कार्यक्रम अधिकारी ऊना नरेंद्र कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत निराश्रित बेटियों के विवाह के लिए दो लाख रुपये की सहायता दी जाती है। ऊना जिले में अब तक इस योजना के तहत 24 बेटियों को विवाह के लिए कुल 48 लाख रुपये की सहायता दी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त योजना के तहत जिले में 294 बच्चों को सामाजिक सुरक्षा और स्वावलंबन गतिविधियों के लिए 3.11 करोड़ रुपये से अधिक की मदद दी जा चुकी है। जिलाधीश ऊना जतिन लाल का कहना है कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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