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Bihar Election 2025: BJP asks EC to investigate women voters wearing burqa, opposition angry.
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Bihar Election 2025: BJP ने EC से बुर्का पहनी महिला वोटर्स की जांच करने की मांग की, विपक्ष नाराज।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Sun, 05 Oct 2025 03:20 PM IST
बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी पिच तैयार हो चुकी है। बिहार चुनाव में जाति-धर्म के मुद्दे पर नेता बयान न दे ऐसा तो हो ही नहीं सकता। कभी टोपी, तो कभी जनेऊ और कभी बुर्के पर राजनीति तेज हो ही जाती है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बुर्का पहनी महिलाओं की वोटिंग को लेकर एक ऐसा बयान दिया गया है जिसपर राजनिति तेज हो गई है। चुनाव आयोग के साथ मीटिंग में बीजेपी ने बूथ पर बुर्का पहनकर आने वाली महिलाओं की जांच का मुद्दा उठाया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कह दिया है बुर्का पहनने वाली महिलाओं को लेकर ये आपको सुनना चाहिए...
अब दिलीप जयसवाल की इस बयान पर हो हंगामा शुरू हो चुका है। इस पर विरोधी पार्टी आरजेडी ने आपत्ति भी जताई है। इंडिया गठबंधन के कई नेता जयसवाल जी की सोच पर हमलावर हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ राजनीतिक दलों की कल बैठक हुई। इस बैठक में सियासी दलों ने अपनी-अपनी रणनीति और मांगें टीम के सामने रखीं। जेडीयू ने एक चरण में चुनाव कराने की वकालत की है जबकि बीजेपी ने भी एक या अधिकतम दो चरणों में मतदान की मांग की है। लेकिन सबसे बड़ी मांग को शद्ध राजनिति का हिस्सा लग रही है। बीजेपी ने शनिवार को चुनाव आयोग से विशेष अनुरोध किया है कि मतदान केंद्रों पर बुर्का या पर्दा पहने महिलाओं के चेहरे की पहचान को उनके मतदाता पहचान पत्र (EPIC) से सख्ती से मिलान किया जाए, ताकि केवल वास्तविक मतदाता ही अपना मताधिकार का प्रयोग कर सकें। पार्टी ने साथ ही चुनाव को एक या दो चरणों में संपन्न कराने की भी मांग उठाई है। बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अगुवाई में पटना पहुंची। जहां चुनाव आयोग की टीम से बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की।
दरअसल बीजेपी का कहना है कि बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग धड़ल्ले से होती है...और इसे रोकने की जरूरत है। इस मुलाकात के बाद जायसवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हमने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि विधानसभा चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाएं। चरणबद्ध तरीके से चुनाव कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। साथ ही विशेष रूप से बुर्का पहनकर मतदान करने आने वाली महिलाओं के चेहरे का मिलान उनके ईपीआईसी कार्ड से किया जाए, जिससे फर्जी वोटिंग को रोका जा सके।'
इस मांग पर विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी हमला किया है। आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने मोर्चा संभाला और इसे सियासी साजिश करार देते हुए कहा, 'बीजेपी अपनी सांप्रदायिक राजनीति को चुनावी रंग देना चाहती है। हाल ही में विशेष गहन संशोधन (SIR) के तहत मतदाता सूची को अपडेट किया गया है, जिसमें नई फोटो वाली ईपीआईसी जारी हो रही हैं। पहचान की कोई समस्या नहीं है, लेकिन बीजेपी अल्पसंख्यक महिलाओं को निशाना बनाकर वोट बैंक तोड़ने की कोशिश कर रही है।'
अब ये भी जान लीजिए की बीजेपी के लिए ये बुर्के वाला मुद्दा नया है ये मामला लोकसभा चुनाव में भी उठा था। दिल्ली बीजेपी ने बुर्का पहनकर वोट डालने वाली महिलाओं की सत्यापन की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में भी स्पष्ट किया था कि धार्मिक भावनाओं के नाम पर बुर्का पहनकर वोटिंग संभव नहीं है और मतदाता पहचान पत्र के लिए फोटो अनिवार्य है। बता दें कि चुनाव आयोग ने शनिवार को बिहार के सभी प्रमुख दलों- जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, बसपा, CPI(ML) दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। जेडीयू ने एक ही चरण में चुनाव कराने का सुझाव दिया, जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) और सीपीआई(एमएल) ने दो चरणों तक सीमित रखने की बात कही। आयोग ने अभी चुनावी कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में 243 सीटों पर वोटिंग होने की संभावना है। यह मांग बिहार की सियासत में नया विवाद पैदा कर सकती है खासकर अल्पसंख्यक वोट बैंक को लेकर। बीजेपी का कहना है कि यह पारदर्शिता सुनिश्चित करने का कदम है, जबकि विपक्ष इसे ध्रुवीकरण का हथियार बता रहा है। देखना होगा कि चुनाव आयोग इस मुद्दे पर कोई कदम उठाती है या नहीं।
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