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Cough Syrup Deaths: Is cough syrup causing kidney failure, SDM reveals?
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Cough Syrup Deaths: क्या कप सिरप कर रही किडनी फेल, SDM ने किया खुलासा?
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Sat, 04 Oct 2025 05:28 AM IST
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया विकासखंड में पिछले लगभग एक महीने (अगस्त के अंत से लेकर हाल के दिनों तक) में कम से कम नौ बच्चों की मौत होने की दुखद खबर सामने आई है। इन मौतों ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है और स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्राथमिक जांच और चिकित्सा रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर बच्चों की मौत किडनी फेल होने के कारण हुई है। इन मौतों के पीछे का मुख्य संदिग्ध कारण दूषित कफ सिरप है। जांच में यह सामने आया है कि मरने वाले बच्चों में से कम से कम पांच ने 'कोल्डरीफ' (Coldref/Coldrif) नाम का सिरप लिया था, और एक बच्चे ने 'नेक्सट्रो सिरप' (Nextro/Nesto-DS) लिया था। यह आशंका जताई जा रही है कि सिरप में डाइथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) नामक जहरीले रसायन का संदूषण हो सकता है, जो किडनी के लिए हानिकारक होता है। आधिकारिक तौर पर शुरुआती आंकड़ा 6 बच्चों की मौत का था, लेकिन विधायक और अन्य रिपोर्टों के अनुसार यह संख्या बढ़कर 9 तक पहुंच गई है। मरने वाले अधिकतर बच्चे 5 साल से कम उम्र के थे, कुछ की उम्र 7 साल तक भी थी। मृतकों में दिव्यांश चंद्रवंशी, अदनान खान, हेतांश सोनी, उसैद, श्रेया यादव, विकास यदुवंशी, योगिता विश्वकर्मा, संध्या भोसोम और चंचलेश यदुवंशी जैसे नाम शामिल हैं।
जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर 'कोल्डरीफ' और 'नेक्सट्रो-डीएस' सिरप की बिक्री पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। निजी डॉक्टरों को सलाह दी गई है कि वे वायरल बुखार के मरीजों को सीधे सिविल अस्पताल भेजें और बच्चों को निजी तौर पर इलाज न दें। प्रभावित इलाकों में घर-घर जाकर स्वास्थ्य सर्वेक्षण (डोर-टू-डोर सर्वे) किया जा रहा है ताकि अन्य बीमार बच्चों की पहचान की जा सके। जिन दवाइयों का बच्चों के इलाज में उपयोग हुआ था, उनके नमूने (सैंपल) जांच के लिए भेजे गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च), NCDC (नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) और राज्य के स्वास्थ्य विभाग की टीमें जांच के लिए पहुंची हैं। बच्चों के विसरा और दवाइयों के सैंपल जांच के लिए पुणे और सागर की प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट का इंतजार है। कुछ शुरुआती रिपोर्टों में पानी या अन्य संक्रामक बीमारियों के संकेत नहीं मिले हैं। कफ सिरप की आपूर्ति करने वाली फार्मा कंपनी के वितरक के यहां भी जांच की गई है। कुछ अन्य बच्चे भी किडनी संबंधी समस्याओं के कारण बीमार पड़े हैं, जिनका इलाज छिंदवाड़ा और पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर के अस्पतालों में चल रहा है।कुल मिलाकर, परासिया विकासखंड में बच्चों की मौत का यह मामला दूषित कफ सिरप के सेवन से होने वाले किडनी फेलियर का संदिग्ध मामला है, जिसकी विस्तृत जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
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