कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा, "चुनाव आयोग बिहार आ रहा है, यह चुनावी साल है, और निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है। हालांकि, हम चुनाव आयोग से लगातार जो सवाल पूछ रहे हैं, उनमें से किसी का भी जवाब नहीं मिला है। इस बात की निष्पक्ष समीक्षा होनी चाहिए कि जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं, वे असली मतदाता हैं या नहीं। जिन लोगों के नाम गलत तरीके से हटाए गए हैं, उनके नाम जोड़ने की एक समय सीमा होनी चाहिए." लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के कोलंबिया में दिए गए हालिया बयानों पर उन्होंने कहा, "भाजपा को समस्या है।
ऐसा लगता है कि उन्हें राहुल गांधी के नाम को लेकर बुरे सपने आ रहे हैं क्योंकि उनके पास जनता को बताने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। वे बस कांग्रेस पार्टी को गाली देकर, राहुल गांधी के बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करके और जवाहरलाल नेहरू और भारत के इतिहास के बारे में झूठ फैलाकर सत्ता में बने रहना चाहते हैं। राहुल गांधी की बातों को समझना भाजपा के बस की बात नहीं है। देश राहुल गांधी की बातें समझ रहा है, इसलिए भाजपा अपनी हताशा में बेतुके बयान दे रही है।"
चुनाव आयोग की एक टीम 4 और 5 अक्टूबर, 2025 को बिहार का दौरा कर रही है। इस दौरे का आधिकारिक उद्देश्य आगामी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करना है। इस दौरान, चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी राज्य के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे और चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे।
कन्हैया कुमार और अन्य विपक्षी नेता बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर चिंता जताते रहे हैं। उनका आरोप है कि इस प्रक्रिया के माध्यम से बड़ी संख्या में वास्तविक मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं, जिससे चुनाव प्रभावित हो सकता है।
कन्हैया कुमार ने पहले भी चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और उन पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की भाषा बोलने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जब विपक्ष मतदाता सूची में गड़बड़ी की बात करता है, तो चुनाव आयोग उसे खारिज कर देता है, लेकिन अब खुद ही पुनरीक्षण की प्रक्रिया कर रहा है।
बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं, और राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। ऐसे में चुनाव आयोग का दौरा और उस पर कन्हैया कुमार की टिप्पणी ने राज्य के राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है। विपक्ष चुनाव आयोग से निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने की मांग कर रहा है, जबकि आयोग अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है