उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हालिया हिंसा पर सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस हिंसा को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले माहौल खराब करने की एक "सोची-समझी साजिश" करार दिया और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम समुदाय को भी नसीहत दी कि वे अपनी मोहब्बत का "तमाशा" न बनाएं।
एक बयान में, श्री मसूद ने कहा कि हर मुसलमान के दिल में पैगंबर मोहम्मद के लिए प्यार है, और इसे साबित करने के लिए सड़कों पर प्रदर्शन करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, "मस्जिदें इबादत के लिए होती हैं, प्रदर्शन के लिए नहीं। हमें ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहिए जिससे शहर का माहौल बिगड़े।"
कांग्रेस सांसद ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कानून-व्यवस्था के नाम पर केवल एक पक्ष को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "देश में दो तरह के कानून चल रहे हैं, एक मुस्लिमों के लिए और दूसरा दूसरों के लिए।" उन्होंने लखनऊ में लगे "आई लव बुलडोजर" पोस्टर का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि उस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई, जबकि बरेली में पोस्टर लगाने पर लोगों पर गोलियां चलाई गईं।
इमरान मसूद ने यह भी कहा कि वह शांति के दूत हैं और बरेली जाकर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार धर्म देखकर कार्रवाई कर रही है और नफरत फैलाकर चुनावी ध्रुवीकरण करना चाहती है।
श्री मसूद ने उलेमाओं और मुस्लिम समुदाय के जिम्मेदार लोगों से अपील की कि वे आगे आएं और युवाओं को समझाएं कि वे किसी भी तरह के बहकावे में न आएं और शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें। उनका यह बयान बरेली में "आई लव मोहम्मद" के पोस्टर लगाने के बाद भड़की हिंसा और उसके बाद हुई पुलिसिया कार्रवाई के संदर्भ में आया है।