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Bihar Election 2025: Owaisi plays the minority card in Gopalganj, Bihar, makes this big election promise!
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Bihar Election 2025: बिहार के गोपालगंज में ओवैसी ने खेला अल्पसंख्यक कार्ड, किया ये बड़ा चुनावी वादा!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Wed, 29 Oct 2025 03:02 AM IST
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असद-उद्दीन ओवैसी ने बिहार के गोपालगंज में अपनी चुनावी रैली के दौरान मुख्य रूप से महागठबंधन की 'सामाजिक न्याय' की परिभाषा पर तीखा सवाल उठाया है और मुस्लिम समुदाय को नेतृत्व में उचित प्रतिनिधित्व न मिलने का मुद्दा उठाया है।
उन्होंने तर्क दिया कि यह 'सामाजिक न्याय' नहीं, बल्कि खुले तौर पर राजनीतिक भेदभाव है जिसके तहत मुस्लिम समुदाय को दरकिनार किया जा रहा है, जबकि बिहार की आबादी में उनकी हिस्सेदारी लगभग 17% है। ओवैसी ने महागठबंधन द्वारा घोषित उपमुख्यमंत्री उम्मीदवार (मुकेश सहनी) का उदाहरण दिया और पूछा कि जब 3% आबादी वाले मल्लाह समाज के नेता (मुकेश सहनी) को उपमुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया जा सकता है, तो 17% की बड़ी आबादी वाले मुस्लिम समुदाय को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया जाता। उनके अनुसार, यह महागठबंधन की रणनीति में एक बड़ा विरोधाभास और राजनीतिक पाखंड है।
ओवैसी ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस जैसे दलों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) का डर दिखाकर मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करते हैं, लेकिन वे न तो बीजेपी को रोक पाए हैं, और न ही टिकट बंटवारे या नेतृत्व में मुसलमानों को उचित प्रतिनिधित्व दे पाए हैं। उन्होंने लालू प्रसाद यादव के 15 साल के शासन को 'जंगलराज पार्ट-1' और मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार को 'जंगलराज पार्ट-2' बताते हुए आरोप लगाया कि दोनों ने मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक बनाकर सत्ता का सुख भोगा है। ओवैसी ने अपनी पार्टी (AIMIM) के माध्यम से मुसलमानों को अपनी खुद की राजनीतिक कयादत (नेतृत्व) बनाने और भारत के संविधान को मजबूत करने की दिशा में काम करने का आह्वान किया।
सभी अल्पसंख्यक समुदायों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी। वक्फ संशोधन विधेयक को स्थगित किया जाएगा और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाकर उसे और अधिक कल्याणकारी और लाभकारी बनाया जाएगा। बोधगया स्थित बौद्ध मंदिरों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय के लोगों को सौंपा जाएगा। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों की खरीद की गारंटी दी जाएगी और मंडी व बाज़ार समितियों को पुनर्जीवित किया जाएगा। संभाग, अनुमंडल और ब्लॉक स्तर पर मंडियाँ खोली जाएँगी। एपीएमसी अधिनियम को बहाल किया जाएगा।
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