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Bihar Election 2025: Voter list released under SIR in Bihar, Congress attacks Election Commission!
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Bihar Election 2025: बिहार में SIR के तहत मतदाता सूची जारी, कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर बोला हमला!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Wed, 01 Oct 2025 03:06 AM IST
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बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत जारी की गई मतदाता सूची को लेकर कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने गंभीर सवाल उठाए हैं। SIR का मतलब Special Intensive Revision (विशेष गहन पुनरीक्षण) है। यह एक प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है, जिसमें नए नाम जोड़े जाते हैं और डुप्लीकेट, मृत या गैर-पात्र मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं।
यह प्रक्रिया बिहार विधानसभा चुनाव से पहले की गई थी और इसे लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए थे। अखिलेश प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया है कि SIR प्रक्रिया के नाम पर लाखों योग्य लोगों के वोट मनमाने ढंग से काट दिए गए हैं, जिससे उनके मतदान के अधिकार को छीना जा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से दावा किया था कि सीमांचल के क्षेत्रों में मुस्लिम परिवारों के नाम बड़ी संख्या में काटे गए हैं। उन्होंने एक बार 1 लाख मुस्लिम परिवारों के नाम काटने का दावा भी किया था।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया संदिग्ध है, खासकर इतने कम समय में जब बिहार का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित रहता है। उन्होंने सवाल उठाया कि बाहर काम करने वाले लोग इतनी जल्दी प्रमाण पत्र कैसे जमा कर सकते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि BLOs को नागरिकता तय करने जैसे अधिकार दिए गए हैं, जो कि गृह मंत्रालय का काम है। उन्होंने इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा "वोट चोरी" करने की साजिश बताया और कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए इसका विरोध करेगी। उन्होंने राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्य स्थगन नोटिस देकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग भी की थी। अखिलेश प्रसाद सिंह और अन्य विपक्षी नेताओं का आरोप है कि SIR के नाम पर चुनाव आयोग द्वारा सत्ताधारी दल के इशारे पर लाखों योग्य मतदाताओं, खासकर गरीब और वंचित वर्ग के लोगों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि वह किसी भी पात्र नागरिक को मतदाता सूची से बाहर नहीं होने देगा और पुनरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी उठाया गया था।
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