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Asia Cup 2025: Demand to remove Mohsin Naqvi from PCB, Suryakumar tells the story of trophy theft.
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Asia Cup 2025: मोहसीन नकवी को PCB से हटाने की मांग, ट्रॉफी चोरी की कहानी सूर्यकुमार ने बताई।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Tue, 30 Sep 2025 09:53 AM IST
एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर भारतीय टीम जब ट्रॉफी का इंतजार कर रही थी, तब एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष और पाकिस्तान के मंत्री मोहसिन नकवी उनसे यह खुशी छीनने की प्लानिंग कर रहे थे। दरअसल, भारतीय टीम ने पहले ही यह एलान कर दिया था कि खिलाड़ी नकवी के हाथों से ट्रॉफी स्वीकार नहीं करेंगे। इस फैसले का सम्मान करने के बजाय नकवी जिद पर अड़े रहे और स्टेज पर ही खड़े रहे। बाद में वह खुद ट्रॉफी उठाकर वहां से होटल भाग गए। अब इस पूरे मामले पर सूर्यकुमार यादव ने प्रकाश डाला है। विजयी टीम के कप्तान ने क्या क्या कहा वो तो आपको विस्तार से बताएंगे लेकिन पहले जानिए कि पाकिस्तान में कैसे नकवी के खिलाफ आवाज बुलंद हो रही है। दरअसल एशिया कप में भारत के हाथों राष्ट्रीय टीम की लगातार तीसरी हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी को सोशल मीडिया पर आलोचनाओं और उपहास का सामना करना पड़ा. उन्हें तुरंत पद से हटाने की मांग उठ रही है. रविवार को हुए फाइनल में पाकिस्तान भारत से हार गया जिसके बाद भारतीय खिलाड़ियों ने नकवी से विजेता ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया जो एशियाई क्रिकेट परिषद के भी प्रमुख हैं.पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वरिष्ठ नेता मूनिस इलाही ने एक्स पर लिखा, ‘‘अगर इस ‘चुने हुए’ प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ में थोड़ी भी हिम्मत है तो उन्हें मोहसिन नकवी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने इतने कम समय में पाकिस्तान क्रिकेट को बर्बाद कर दिया है.
’’उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस बेशर्म आदमी को कोई पछतावा नहीं है लेकिन जिन लोगों ने उसे नियुक्त किया है उन्हें सोचना चाहिए। उसे तुरंत हटाया जाना चाहिए.’’सिंध के पूर्व राज्यपाल मोहम्मद जुबैर ने भी नकवी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने पाकिस्तान के शीर्ष खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर दिया जिसके कारण टीम को चिर प्रतिद्वंद्वी भारत के हाथों लगातार तीन हार का सामना करना पड़ा.जुबैर ने दावा किया, ‘‘इस आदमी ने पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बाबर आजम को टीम से बाहर कर दिया. उसने पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर बल्लेबाज रिजवान को भी टीम से बाहर कर दिया और उनकी जगह सलमान आगा और हारिस जैसे खिलाड़ियों को चुना. उसने हमारी बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया.’’जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने राजनीतिक तुलना करते हुए कहा, ‘‘मोहसिन नकवी क्रिकेट के साथ वही कर रहे हैं जो सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पाकिस्तान के साथ कर रहे हैं.’’अन्य लोगों ने नकवी पर असली प्रतिभाओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया. पत्रकार उमर दराज गोंडल ने कहा कि चाहे भारतीय कप्तान नकवी से हाथ मिलाने या ट्रॉफी लेने से इनकार करें लेकिन, 'एकमात्र जवाब यही है कि स्टेडियम में भारत को हराकर उनका मुंह बंद कर दिया जाए.’’उन्होंने आगे आरोप लगाया, ‘‘पाकिस्तान में क्रिकेट का पतन हो चुका है, हॉकी की तरह. क्यों? क्योंकि नकवी को ‘बिग बॉस’ से मिलीभगत के जरिए नियुक्त किया गया था और वह सिर्फ इसलिए अध्यक्ष बने क्योंकि वह उनके चहेते हैं.
कोई भी उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता.’’
अब सुनिए पाक की साजिश की कहानी भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि उनकी टीम ने पहले ही मोहसिन नकवी को पाकिस्तान प्रतिनिधि के रूप में देखते हुए ट्रॉफी लेने से इनकार किया था। एसीसी अधिकारियों ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की और सुझाव दिया कि पुरस्कारों की प्रस्तुति एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष खालिद अल जरूनी करें, लेकिन नकवी ने ऐसा नहीं होने दिया। लगभग एक घंटे तक चले तनाव के बाद आयोजकों ने चुपचाप ट्रॉफी ले ली, जबकि व्यक्तिगत प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी जैसे तिलक वर्मा और अभिषेक शर्मा को सम्मानित किया गया।इंडियन एक्सप्रेस से इस मामले पर बात करते हुए सूर्यकुमार ने कहा, 'हमने दरवाजा बंद नहीं किया और ड्रेसिंग रूम के अंदर नहीं बैठे। हमने पुरस्कार समारोह के लिए किसी को इंतजार नहीं करवाया। ट्रॉफी लेकर भाग गए वो। मैंने यही देखा। मुझे नहीं पता, कुछ लोग हमारा वीडियो बना रहे थे, लेकिन हम खड़े थे। हम अंदर नहीं गए।'
ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि भारत ने नकवी से ट्रॉफी इसलिए स्वीकार नहीं की क्योंकि वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) या सरकारी अधिकारियों के निर्देशों का पालन कर रहे थे। लेकिन भारतीय कप्तान ने ऐसी बातों को खारिज करते हुए कहा कि यह मैदान पर लिया गया टीम का फैसला था। उन्होंने कहा, 'सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर दूं कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान सरकार या बीसीसीआई में से किसी ने भी हमें यह नहीं बताया कि अगर कोई ट्रॉफी देगा, तो हम उसे नहीं लेंगे। हमने यह फैसला मैदान पर खुद ही लिया। वे (एसीसी अधिकारी) मंच पर खड़े थे और हम नीचे खड़े थे। मैंने उन्हें मंच पर बात करते देखा और मुझे उनकी बातचीत का ब्यौरा नहीं पता। भीड़ में से कुछ लोगों ने हूटिंग शुरू कर दी। और फिर हमने देखा कि उनका प्रतिनिधि ट्रॉफी लेकर भाग रहा था।'
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