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India In UNSC: After Russia, China also expressed support for India's permanent membership in the Security Cou
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India In UNSC: रूस के बाद चीन ने भी भारत के सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता पर जताया समर्थन।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Sun, 28 Sep 2025 10:44 AM IST
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध के बीच रूस और चीन ने एक बार फिर भारत से करीबी का इजहार किया है। दरअसल रूस और चीन ने सुरक्षा परिषद में भारत और ब्राजील को ज्यादा जिम्मेदारी देने का समर्थन कर दिया है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 80वीं बैठक से इतर ब्रिक्स देशों की बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत, ब्राजील और अफ्रीकी देशों को सुरक्षा परिषद में स्थायी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, क्योंकि इन देशों की बड़ी आबादी और वैश्विक प्रभाव को ध्यान में रखा जाना जरूरी है। इसके बाद चीन ने भी इसी तरह के विचार रखते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ज्यादा समावेशिता सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए आवश्यक है।मजबूत वैश्विक भू-राजनीति के लिहाज से यह कदम इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में जी-20 सम्मेलन के दौरान भारत-चीन व रूस के बीच एक मजबूत गठजोड़ देखने को मिला था।
इस दौरान पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ नजर आए थे और इन तस्वीरों ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था।उधर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार की अपील करते हुए भारत की स्थायी सदस्यता का खुला समर्थन किया है। तोबगे ने कहा कि परिषद में प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाना वक्त की जरूरत है। ऐसे में भारत और जापान जैसे देशों को स्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र में शामिल किया जाना चाहिए।विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की आम बहस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया और उसे वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताया। यूएनजीए में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन की शुरूआत 'भारत की जनता की ओर से नमस्कार' कहकर की। आगे उन्होंने कहा कि भारत ने आजादी के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती का सामना किया है, क्योंकि उसका एक पड़ोसी देश आतंकवाद का गढ़ है। इस दौरान बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि दशकों से दुनिया में हुए बड़े आतंकवादी हमलों की जड़ें उसी एक देश से जुड़ी रही हैं।
अपने संबोधन के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि भारत स्वतंत्रता के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है। हमारा पड़ोसी दशकों से वैश्विक आतंकवाद का केंद्र रहा है। सीमा पार बर्बरता का सबसे ताजा उदाहरण इस वर्ष अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या थी। जो लोग आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों का समर्थन करते हैं, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में औद्योगिक स्तर पर आतंकवादी ठिकाने संचालित हो रहे हैं और आतंकियों को सार्वजनिक रूप से महिमामंडित किया जाता है। आतंकवाद के वित्तीय संसाधनों को पूरी तरह से बंद करना जरूरी है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए इसे वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कारण दशकों से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों की श्रृंखला जारी रही है और संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में इसके कई नागरिक शामिल हैं। जयशंकर ने इस वर्ष अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या को हालिया उदाहरण के रूप में पेश किया।
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