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I Love Muhammad Controversy: Who is Maulana Tauqeer Raza, accused of inciting minors? The full story
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I Love Muhammad Controversy: कौन है मौलाना तौकीर रजा जिस पर नाबालिगों को भड़काने का आरोप, पूरी कहानी
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Sat, 27 Sep 2025 02:00 PM IST
आइए जान लेते हैं कि कौन हैं मौलाना तौकीर रजा, जिनके बुलावे पर बरेली में बवाल हुआ? साथ ही इस मास्बटरमाईंड ने कैसे नाबालिग और जेनजी लड़कों का ब्रेरेन वॉश किया इस हिंसक घटना को ्लींजाम के इस्लामिया मैदान में धरने का ऐलान करने वाला मौलाना तौकीर रजा धार्मिक नेता हैं. उनका संबंध सुन्नी मुसलमानों के बरेली संप्रदाय से है. मौलाना तौकीर रजा आला हजरत खानदान से आते हैं. इस्लाम धर्म के सुन्नी बरेलवी मसलक की शुरुआत उन्हीं के खानदान ने की थी. अहमद रजा खान के परपोते मौलाना तौकीर रजा यूपी के एक इस्लामी धर्मगुरु हैं. वह देवबंदी मुसलमानों पर भेदभाव का आरोप लगाकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से अलग हो गए थे. इसके बाद से वह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (जदीद) के प्रमुख हैं.मौलाना तौकीर के बुलावे पर जुटी भीड़ ने नाबालिगों को आगे कर अपने मंसूबों को अंजाम दिया। साल 2001 में तौकीर रजा ने अपनी एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी, जिसका नाम नाम इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद है. हालांकि साल 2009 में तौकीर रजा ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. इसके बाद साल 2012 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान तौकीर रजा ने समाजवादी पार्टी (सपा) का साथ दिया था.
उनकी खुद की पार्टी के उम्मीदवार को भोजीपुरा से जीत मिली थी. हालांकि, मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के बाद रजा ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया था. तौकीर रजा ने साल 2014 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का समर्थन किया था.तौकीर रजा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बयान देते हुए कहा था हर जुल्म का हिसाब लिया जाएगा तौकीर रजा अब तक कई मामलों में विवादित बयान देकर चर्चा में रह चुके हैं. उन्होंने नागरिकता कानून के खिलाफ भी बयान दिया था. इसके अलावा वह तस्लीमा नसरीन के खिलाफ फतवा तक जारी कर चुके हैं. यहां तक कि आजम खान से जेल में मुलाकात की और उसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के खिलाफ भी बयान दिया था. उन्होंने तब कहा था कि हर जुल्म का हिसाब लिया जाएगा.वास्तव में आई लव मोहम्मद पोस्टर को लेकर देशभर में जारी बवाल की शुरुआत कानपुर से हुई थी. कानपुर में चार सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने निश्चित स्थान से हटकर एक टेंट के साथ आई लव मोहम्मद का बैनर लगाया था. इसका एक पक्ष ने विरोध किया था.
तर्क था कि यह नई परंपरा है. इस पर दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए थे. इस पर पोस्टर और बैनर फाड़े गए. इसको लेकर 10 सितंबर को कानपुर में 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. हालांकि पुलिस इससे इनकार कर रही है और उसका कहना है कि एफआईआर किसी और मामले में दर्ज की गई है. इसके बावजूद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने 19 सितंबर को कानपुर में एफआईआर वापस लेने की मांग करते हुए जुलूस निकाला.
दरअसल इस्लामिया मैदान पहुंचने की होड़ में भीड़ अफसरों और फोर्स की मौजूदगी में ही अराजकता पर उतारू हो गई। नावल्टी तिराहे के पास पुलिस अफसरों पर पथराव शुरू कर दिया। तब पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा।नौमहला मस्जिद से रजा मस्जिद के बीच मौलाना तौकीर की सक्रियता वाले इलाके में शुक्रवार दोपहर 12 बजे से पुलिस टीम ने मोर्चा संभाल लिया था। इस इलाके की मस्जिदों में नमाज का वक्त आमतौर पर एक से तीन बजे तक रहता है। मौलाना इस दौरान दिखाई नहीं दिए। उनके समर्थक सुबह का उनका वीडियो देखकर दोपहर करीब एक बजे नमाज के लिए नौमहला मस्जिद की ओर जाने लगे। आमतौर पर मौलाना इसी मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं। नौमहला मस्जिद गेट पर खड़े एसपी यातायात अकमल खान ने लोगों को घर लौटने के लिए कहा। इस पर कुछ लोग लौट गए, लेकिन कुछ किशोर और नौजवान मौलाना को बुलाने की मांग करने लगे। यहां मौजूद डीआईजी अजय साहनी ने उन्हें समझाने की कोशिश की। एक बार भीड़ वहां से लौट भी गई, लेकिन दोबारा नाबालिगों को आगे कर लब्बैक और आई लव मोहम्मद के नारे लगाने लगे। कई ने डीआईजी व एसपी सिटी की मौजूदगी में हूटिंग भी की। तब पुलिस ने लाठियां फटकारकर उन्हें खदेड़ दिया।दोपहर बाद तीन बजे कुतुबखाना व बिहारीपुर से एकजुट होकर इस्लामिया कॉलेज मैदान की ओर बढ़ रही भीड़ को पुलिस ने खलील स्कूल तिराहे के पास रोकने की कोशिश की। वहां कुछ देर तनातनीडीआईजी और एसपी सिटी खलील स्कूल के पास हंगामा रुमने के बाद कोतवाली के पास आ गए। नारेबाजी करती भीड़ यहां भी पहुंच गई।
महादेव पुल के ऊपर और नीचे दोनों ओर भीड़ थी। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो नेतृत्व कर रहे लोगों ने किशोरों को आगे कर दिया। के बाद युवकों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। भीड़ दंत चिकित्सक डॉ. जीके सक्सेना मेमोरियल क्लीनिक में घुसी और बाहरी हिस्से में लगे शीशे तोड़ दिए। इनमें कुछ के हाथ में पत्थर तो कुछ के हाथ में आई लव मोहम्मद लिखी तख्यियां थीं। इन्होंने एसपी सिटी को निशाना बनाकर पत्थर फेंकने शुरू किए तो पुलिस ने उन्हें सुरक्षा घेरे में ले लिया। फिर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इससे भगदड़ मची। साथ ही, लाठीचार्ज करके पुलिस ने रास्ता खाली करा दिया।
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