करूर के उस मैदान में अब सिर्फ सन्नाटा है, जहां कुछ घंटे पहले हजारों की भीड़ अभिनेता-नेता विजय की एक झलक पाने उमड़ी थी। चारों ओर बिखरी चप्पलें, टूटी कलाई घड़ियां और गिरे हुए पॉलिथीन बैग अब उस अफरातफरी की गवाही दे रहे हैं, जिसने 39 जिंदगियां लील लीं। पास खड़े एक युवक की कांपती आवाज में कहा, हमने सोचा यह सिर्फ धक्का-मुक्की है, लेकिन अचानक लोग गिरने लगे और देखते ही देखते सारा मंजर मातम में बदल गया। भगदड़ के बीच महिलाएं बच्चों को सीने से चिपकाए इधर-उधर दौड़ रही थीं। कुछ लोग सुरक्षा बैरिकेड तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, तो कई गिरे हुए लोगों के ऊपर से गुजरते रहे।अस्पतालों में भी स्थिति सुखद नहीं है।
परिजनों का हाहाकार है। करूर के सरकारी अस्पताल के बाहर बैठी एक बुजुर्ग महिला बिलखते हुए कहा, मेरी बेटी सिर्फ विजय सर को देखने गई थी। मुझे क्या पता था कि उसे वापस नहीं देख पाऊंगी। अंदर डॉक्टरों और नर्सों की भागदौड़ जारी है। स्ट्रेचर पर लाए जा रहे घायल बच्चों की आंखों में अब भी दहशत साफ झलक रही है। एक पुलिसकर्मी ने कहा, शुरुआती अफरातफरी में एंबुलेंस तक पहुंचने का रास्ता भी बंद हो गया था। लोग जान बचाने के लिए चारों ओर भाग रहे थे, कोई सुनने को तैयार नहीं था।तमिलगा वेट्री कषगम (टीवीके) प्रमुख विजय की रैली की जो तस्वीरें सामने आई हैं उससे बेतहाशा भीड़ का अंदाजा साफ लगाया जा सकता है। विजय की रैली में भीड़ इतनी ज्यादा हो गई थी कि लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया। अचानक से वहां मौजूद लोग और कार्यकर्ता बेहोश होने लगे। इस बीच भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। लोग बचने के लिए इधर-उधर भागने लगे, कई गिर पड़े, कुछ ऊपर से भीड़ के दबाव में चोटिल हो गए। स्थल पर चीख-पुकार और मदद की गुहारें हर ओर गूंज रही थीं।भीड़ इतनी ज्यादा थी कि उससे निकलने के लिए लोग धक्का-मुक्की कर रहे थे।
माहौल पूरी तरह से अराजक और डरावना था। कई घायल वहीं गिर पड़े, और घटनास्थल पर खून और घायलों की तस्वीरें दिख रही हैं। भीड़ में फंसे प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कई लोग भगदड़ में दब गए, जबकि बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षा के लिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ भागने की कोशिश कर रहे थे। भगदड़ स्थल पर निकास मार्गों का जाम होने से बचाव में और दिक्कत आई। स्थानीय पुलिस, फायर और आपातकालीन मेडिकल टीम ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को निकाला और अस्पतालों में भर्ती कराया। कई लोग परिजनों और अपने प्रियजनों की तलाश में बदहवाश दिखे। रैली में शामिल लोगों ने बताया कि अचानक भगदड़ मचने के कारण कोई समझ नहीं पाया कि वहां से कैसे निकलें।करूर में हुए हादसे पर अब गृह मंत्रालय ने संज्ञान लिया है. मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. इसमें यह जानकारी मांगी गई है कि यह हादसा किन हालात में हुआ और मौके पर बचाव एवं राहत के लिए क्या-क्या इंतज़ाम किए गए थे. राज्य सरकार को जल्द ही यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपनी होगी.'इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ', करूर भगदड़ पर छलका CM स्टालिन का दर्द; पुलिस ने दर्ज की FIR
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