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Four dead, three missing due to landslide in Sikkim, police and SSB engaged in rescue
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सिक्किम में भूस्खलन से चार की मौ*त, तीन लापता, रेस्क्यू में लगे पुलिस-एसएसबी
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Fri, 12 Sep 2025 11:26 AM IST
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सिक्किम एक बार फिर कुदरत के कहर का शिकार हो गया। पश्चिमी सिक्किम के यांगथांग क्षेत्र के ऊपरी रिम्बी इलाके में आधी रात को अचानक पहाड़ दरक पड़ा। तेज गर्जना जैसी आवाज के साथ मिट्टी और पत्थरों का सैलाब घरों और लोगों को अपने साथ बहा ले गया। देखते ही देखते एक पूरा इलाका तबाही में बदल गया। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन अब भी लापता हैं।
मध्यरात्रि का वह मंजर स्थानीय लोगों के लिए किसी डरावने सपने से कम नहीं था। एक ही झटके में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। उनके परिवारजन बेबस होकर मलबे में दबे अपने अपनों को खोजते रहे। इस बीच पुलिस और एसएसबी जवानों को जैसे ही घटना की खबर मिली, वे तुरंत राहत और बचाव कार्य में जुट गए।
लेकिन घटनास्थल तक पहुंचना आसान नहीं था। वहां तक पहुंचने के लिए उन्हें हुमे नदी पार करनी थी, जिसमें पहले से ही बाढ़ का पानी उफान मार रहा था। इस कठिनाई के बावजूद जवानों और स्थानीय लोगों ने हार नहीं मानी। उन्होंने पेड़ों की मदद से अस्थायी पुल बनाया और दो महिलाओं को किसी तरह मलबे से बाहर निकाला। उस पल की तस्वीर हर किसी के दिल को छू लेने वाली थी – जब मौत के मुंह से दो जिंदगी बाहर आईं।
दोनों महिलाओं को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन किस्मत इतनी बेरहम निकली कि उनमें से एक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। दूसरी महिला अब भी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। डॉक्टरों के मुताबिक उनकी हालत बेहद गंभीर है।
पुलिस अधीक्षक गीजिंग शेरपा ने बताया कि इस हादसे में तीन लोग अब भी लापता हैं। मलबे और तेज धारा के बीच उन्हें खोज पाना आसान नहीं है, लेकिन एसएसबी, पुलिस और स्थानीय लोग लगातार कोशिश कर रहे हैं। हर गुजरते मिनट के साथ परिजनों की आंखें उम्मीद और डर के बीच भटक रही हैं।
पूरा इलाका सदमे में है। अचानक हुई इस त्रासदी ने कई परिवारों को हमेशा के लिए तोड़ दिया है। गांव के लोग बताते हैं कि रात की गहरी खामोशी को जब पहाड़ गिरने की आवाज़ ने चीर दिया, तो सबकुछ थर्रा उठा। घरों से चीखें और पुकारें सुनाई दीं, लेकिन मलबे की भारी चादर ने कई आवाज़ों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया।
इस त्रासदी के बीच इंसानी जज्बा भी देखने को मिला। जवानों और ग्रामीणों ने मिलकर जान की बाज़ी लगाई और कई लोगों को बचाने में मदद की। हालांकि चार जिंदगियां हमेशा के लिए छिन गईं, लेकिन बाकी की तलाश अब भी जारी है।
सिक्किम के इस हादसे ने एक बार फिर याद दिला दिया है कि पहाड़ जितने खूबसूरत हैं, उतने ही खतरनाक भी। कभी बारिश, कभी बर्फबारी और कभी भूस्खलन – यह प्राकृतिक आपदाएं वहां रहने वालों की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं। लेकिन हर बार जब पहाड़ टूटते हैं, तो इंसान का जज्बा और उम्मीद भी उतनी ही मजबूती से खड़ा नजर आता है।
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