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बांग्लादेश में भूकंप से हुआ कितना नुकसान?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Fri, 21 Nov 2025 05:06 PM IST
शुक्रवार सुबह बांग्लादेश में आए 5.5 तीव्रता के भूकंप ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। इसका केंद्र नरसिंगडी (Narsingdi) के पास रहा, जिससे आसपास के जिलों के कई इलाकों में तेज झटके महसूस किए गए। अमेरिकी एजेंसी USGS ने पुष्टि की कि भूकंप सुबह 10 बजकर 08 मिनट पर आया और इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी ऐसे में झटकों का असर सतह पर ज्यादा दिखाई दिया। बांग्लादेश के साथ-साथ झटके भारत के पश्चिम बंगाल तक पहुंचे, हालांकि वहां किसी तरह की जानमाल की हानि की सूचना नहीं है।
ढाका में इमारतों को नुकसान, दीवारों में आई दरारें
भूकंप का सबसे ज्यादा असर ढाका के रिहायशी इलाकों में देखने को मिला, जहां कई इमारतों में हल्का–मध्यम नुकसान दर्ज किया गया। कुछ घरों की बाहरी दीवारों में दरारें पड़ गईं, वहीं कई जगह छतों से प्लास्टर गिरने की खबरें सामने आईं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुराने इलाकों में बने बहुमंज़िला भवनों में भी कंपन महसूस किया गया, जिसके कारण लोग घबराकर बाहर निकल आए। कई घरों में लगे पंखे, फोटो फ्रेम और लाइट फिटिंग जोर से हिलते दिखाई दिए।
ढाका नगर निगम की टीमें तुरंत प्रभाव से प्रभावित इलाकों में पहुंचीं और इमारतों की संरचनात्मक जांच शुरू की। राहत-बचाव एजेंसियों ने बताया कि नुकसान ज्यादा गंभीर नहीं है, लेकिन पुराने और कमजोर निर्माण वाले मकानों में अस्थायी रूप से रहने पर रोक लगाने की सलाह दी गई है।
नगरसिंडी के पास झटकों के बाद सक्रिय हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
भूकंप का केंद्र बांग्लादेश के नगरसिंडी के पास था, जहां झटके सबसे तीव्र बताए गए हैं। यहां कई पुराने मकानों में दीवारें क्षतिग्रस्त होने की खबर है। सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में गश्त बढ़ा दिया है और भवनों की जांच की जा रही है। राहत एजेंसियों ने एहतियात के तौर पर कई परिवारों को खुले इलाकों में रहने की सलाह दी है।
भूकंप के तुरंत बाद बिजली आपूर्ति में भी कुछ समय के लिए बाधा आई, खासकर पुराने इलाकों में। इंजीनियरिंग टीमें नुकसान का आकलन कर रही हैं। कई जगह लोगों ने बताया कि झटके इतने तेज थे कि घरों के दरवाजे और खिड़कियां आपस में टकराने लगीं।
विशेषज्ञ बोले- ऐसे झटके हाल के वर्षों में दुर्लभ
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश ओपन यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति और प्रख्यात भूविज्ञानी प्रोफेसर सैयद हुमायूं अख्तर ने कहा कि बांग्लादेश ने हाल के वर्षों में इतनी तीव्रता वाले झटके कम ही महसूस किए हैं। उनके अनुसार, भूकंप की सतह के निकट गहराई (10 किमी) ने ही इसे अधिक खतरनाक बनाया। उन्होंने चेताया कि इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां बढ़ रही हैं, जिस पर निरंतर निगरानी की जरूरत है।
पश्चिम बंगाल में भी झटके, लेकिन राहत की खबर
सीमा से सटे कोलकाता, नदिया और उत्तर 24 परगना के कुछ हिस्सों में भी हल्के झटके महसूस किए गए। कई लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए, लेकिन कहीं से भी नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली। प्रशासन ने कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
भूकंप भले ही मध्यम तीव्रता का रहा हो, लेकिन बांग्लादेश में हुए नुकसान और ढाका में दीवारों पर आई दरारें यह साफ करती हैं कि क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील है और सतर्कता ही सुरक्षा का एकमात्र उपाय है।
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