भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले एशिया कप 2025 के महामुकाबले को लेकर माहौल गर्माता जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस मैच का 'बॉयकॉट' करने की मांग लगातार तेज हो रही है और रविवार को भी #BoycottINDvsPAK ट्रेंड करता रहा। लेकिन अब यह विवाद केवल जनता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भारतीय खिलाड़ियों के मानसिक संतुलन पर भी असर डालता दिखाई दे रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूर्यकुमार यादव, शुभमन गिल समेत टीम के कई युवा खिलाड़ी इन चर्चाओं से काफी प्रभावित हुए हैं। वे अंदर ही अंदर तनाव महसूस कर रहे हैं और इसी कारण उन्होंने मुख्य कोच गौतम गंभीर और सपोर्ट स्टाफ से बात करके मार्गदर्शन मांगा है। भले ही खिलाड़ी पहले भी पाकिस्तान के खिलाफ उतरे हों, लेकिन इस बार का माहौल बेहद अलग और असामान्य है।
आम तौर पर बड़े मैच से पहले टीम का कोच या कप्तान प्रेस कॉन्फ्रेंस में सामने आता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। इसकी जगह सहायक कोच रेयान टेन डेशकाटे को मीडिया के सामने भेजा गया। इससे साफ संकेत मिलता है कि ड्रेसिंग रूम का माहौल पूरी तरह सामान्य नहीं है।प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब डेशकाटे से पूछा गया कि क्या खिलाड़ी मैदान पर अपनी भावनाओं का असर लेकर उतरेंगे, तो उन्होंने कहा "हां, मुझे लगता है कि ऐसा होगा। यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है। हमारे खिलाड़ी भारत की जनता की भावनाओं को गहराई से समझते और महसूस करते हैं। एशिया कप काफी समय तक अनिश्चित रहा। एक वक्त तो हमें लगा कि यह टूर्नामेंट होगा ही नहीं। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है।"
उन्होंने आगे कहा "हम जानते हैं कि लोगों की भावनाएं कितनी प्रबल हैं। लेकिन हमें इस सबको पीछे छोड़कर आगे बढ़ना होगा। खिलाड़ियों को देश के लिए खेलने का मौका मिला है और वे अपनी पूरी पेशेवर क्षमता के साथ खेल पर ध्यान केंद्रित करेंगे।डेशकाटे ने यह भी बताया कि गौतम गंभीर ने खिलाड़ियों को क्या संदेश दिया है। उनके मुताबिक "गंभीर ने कहा कि जो चीजें हमारे नियंत्रण से बाहर हैं, उन पर ध्यान न दो। जब मैदान पर उतरना है, तो भावनाओं को अलग रखकर सिर्फ खेल पर ध्यान दो। हर खिलाड़ी की भावनाएं अलग हो सकती हैं, लेकिन टीम का फोकस सिर्फ और सिर्फ मैच होना चाहिए।"
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