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Is Sonam's brother Govind hiding his sister's secrets? Raja Raghuvanshi's brother demands a Narco test
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सोनम का भाई गोविंद छिपा रहा बहन के राज? राजा रघुवंशी के भाई ने की नार्को टेस्ट की मांग
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Tue, 17 Jun 2025 12:10 PM IST
राजा रघुवंशी हत्याकांड के बाद एक चेहरा जो लगातार चर्चा में है, वो है सोनम रघुवंशी का भाई गोविंद। बहन के किए अपराध से खुद को अलग दिखाने की उसकी हरकतें शक की सुई उसकी तरफ भी घुमा रही हैं। वो कैमरे के सामने आंसू बहा रहा है, राजा की मां से गले लगकर माफी मांग रहा है, लेकिन क्या यह पश्चाताप है या कोई चालाकी से खेला गया सेफ गेम?
राजा की हत्या के बाद पूरे देश का ध्यान इस सनसनीखेज केस पर है। लेकिन अब असली सवाल उठने लगा है – क्या गोविंद सिर्फ एक भाई है जो अपनी बहन के अपराध से शर्मिंदा है, या फिर वह भी उस खतरनाक राज का हिस्सा है, जिसे सोनम छुपाकर ले गई थी?
गोविंद को हाल ही में उज्जैन में राजा के तर्पण में देखा गया। वह बिना बुलाए राजा की तेरहवीं में भी पहुंच गया। हर बार वह राजा की मां उमा से गले लगकर रोने की कोशिश करता है, लेकिन अब यह दर्द कम और दिखावा ज्यादा लगने लगा है।
राजा की मां और परिवारवालों का भी कहना है कि “जो व्यक्ति अपने घर की बहू के साथ हुई वारदात पर पर्दा डाल रहा है, उसकी आंखों के आंसू सच्चे नहीं हो सकते।” यही कारण है कि अब राजा के परिजनों ने गोविंद के नार्को टेस्ट की मांग कर डाली है।
सूत्रों के मुताबिक, गोविंद अपने प्लाईवुड के कारोबार में तेज खिलाड़ी है, लेकिन अब लगता है कि बहन के गुनाह को भी वो ‘आपदा में अवसर’ की तरह भुना रहा है।
1. परिवार को बहिष्कार से बचाने की कोशिश
गोविंद समाज में अपनी और परिवार की साख बचाए रखने के लिए राजा के परिवार के साथ खड़ा होने का दिखावा कर रहा है, ताकि बहन की करतूत की सजा पूरे खानदान को न मिले।
2. हवाला लिंक से ध्यान भटकाना
सूत्र बताते हैं कि गोविंद की फर्म ‘बालाजी ट्रेडिंग’ का नाम हवाला लेन-देन में भी जुड़ चुका है। सोनम द्वारा उपयोग किए जा रहे बैंक खातों में जितेंद्र रघुवंशी और राजा के नाम भी जुड़े थे। ऐसे में यह शक और गहरा होता जा रहा है कि क्या गोविंद जानबूझकर केस की दिशा मोड़ रहा है, ताकि उसकी फर्म जांच के दायरे से बाहर रहे?
3. रिश्ते की कहानी गढ़कर पुलिस थ्योरी को चुनौती
शिलॉन्ग पुलिस की जांच में यह बात सामने आई थी कि राज और सोनम के बीच ‘प्रेम संबंध’ जैसा समीकरण था।
लेकिन गोविंद मीडिया में बार-बार यह बयान दे रहा है कि “सोनम ने राज को राखी बांधी थी।”
यह नई कहानी कोर्ट में सोनम की मानसिक हालत को आधार बनाकर उसे कम सजा दिलवाने की रणनीति का हिस्सा हो सकती है। हालाँकि, मेघालय इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस की जांच रिपोर्ट में सोनम को मानसिक रूप से स्थिर और उत्तरदायी बताया गया है।
सोनम और राजा हनीमून पर गए, लेकिन सिर्फ जाने का टिकट बुक था, लौटने का नहीं।
क्या गोविंद को इस बात की जानकारी थी? और अगर थी, तो उसने पुलिस और राजा के परिजनों से यह बात क्यों छुपाई?
राजा की मां उमा ने खुलासा किया कि सोनम शादी में मिले गहने भी अपने साथ हनीमून पर ले गई थी, और राजा को ज़बरदस्ती सोने की चेन पहनाने का दबाव बनाया गया था।
भाई होने के नाते गोविंद को इस बात की जानकारी होना स्वाभाविक है, लेकिन उसने कभी न तो मीडिया में और न ही पुलिस के सामने इस बात का जिक्र किया।
सोनम के बैंक अकाउंट में लगभग 15 लाख रुपये थे और एटीएम भी उसी के पास था।
राजा की हत्या के बाद गोविंद ने सोनम के अपहरण की आशंका जताई, लेकिन कभी भी बैंक अकाउंट की जांच की मांग नहीं की, न ही उसकी ट्रांजेक्शन हिस्ट्री को लेकर कोई चिंता जताई।
सोनम के भाई गोविंद से सीधी बात – सवाल-जवाब
सवाल 1: सोनम ने रिटर्न टिकट क्यों नहीं कराया?
जवाब: टिकट किसने कराए थे, सोनम या राजा, यह मुझे भी नहीं पता। शायद राजा ने कराए थे।
सवाल 2: सोनम के खाते में 15 लाख रुपये थे, क्या आप चिंतित नहीं हुए?
जवाब: वो पैसे बिजनेस से जुड़े थे। खाते से कुछ भी नहीं निकाला गया था।
सवाल 3: राजा के परिवार ने आपके नार्को टेस्ट की मांग की है।
जवाब: यदि उन्हें मुझ पर शक है, तो मैं हर जांच के लिए तैयार हूं। मैं उनके साथ खड़ा हूं।
राजा रघुवंशी हत्याकांड अब सिर्फ एक घरेलू मामला नहीं रह गया।
इस केस में मनोवैज्ञानिक पहलू, प्रेम, लालच, धोखा, हवाला और रणनीतिक मीडिया मैनेजमेंट जैसे कई पहलू सामने आ चुके हैं।
गोविंद का सेफ गेम चाहे जितना भी सफाई से खेला गया हो, लेकिन अब उसके भी कई बयान विरोधाभासी हैं।
पुलिस और जांच एजेंसियों को अब सिर्फ सोनम ही नहीं, बल्कि उसके पूरे नेटवर्क पर नज़र रखनी होगी।
अब सवाल सिर्फ यह नहीं कि राजा को किसने मारा, बल्कि यह भी है कि किस-किस ने यह जानते हुए चुप्पी साधी?
और गोविंद, शायद उस लिस्ट में सबसे ऊपर है।
सच्चाई चाहे जितनी भी गहराई में हो, पर सच की तह तक जाना अब कानून का कर्तव्य है।
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