उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सोमवार की शाम को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा। उनके इस्तीफे पर विभिन्न ससियासी दलों के राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने धनखड़ के इस्तीफे पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति ने कल एक अहम बैठक भी बुलाई थी। ऐसे में इस्तीफे के पीछे जितना दिख रहा है, उससे अधिक और भी कुछ है।
रमेश ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा जितना चौंकाने वाला है, उतना ही अकल्पनीय भी है। आज शाम करीब 5 बजे तक मैं उनके साथ था, वहां कई अन्य सांसद भी साथ थे, और शाम 7:30 बजे मेरी उनसे फोन पर बातचीत भी हुई थी। निःसंदेह, श्री जगदीप धनखड़ को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि उनके इस बिल्कुल अप्रत्याशित इस्तीफे के पीछे जो दिखाई दे रहा है, उससे कहीं अधिक है। हालांकि, यह समय अटकलें लगाने का नहीं है।'
धनखड़ के इस्तीफे पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, मैं इस पर कोई अटकलें नहीं लगाना चाहता कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया। सिब्बल ने कहा है कि यह स्वास्थ्य कारणों से है, इसलिए मैं इस पर कोई अटकल नहीं लगाऊंगा। मैं इतना कह सकता हूं कि वह राज्यसभा के सबसे सक्रिय सभापतियों में से एक रहे हैं। वह हमेशा दोनों पक्षों के सदस्यों को एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करते थे। क्योंकि आखिरकार हम सभी देश के लिए काम करते हैं और वह हमेशा हमें यही सलाह देते थे। हमारे विचार अलग हो सकते हैं, इसलिए कई बार वह सलाह मानी नहीं जाती थी और इसके कारण भी स्पष्ट हैं। लेकिन इसके बावजूद उनका एक सुनहरा दिल था। गर्मजोशी से भरा दिल, साफ दिमाग और वह सच्चे दोस्तों के दोस्त थे। मुझे दुख है कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने धनखड़ के इस्तीफे पर कहा, वह पूरे दिन संसद भवन में थे। सिर्फ एक घंटे में ऐसा क्या हो गया कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा? हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें लंबी और स्वस्थ जिंदगी दे। मैं इसका कारण नहीं समझ पा रहा हूं।