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Supreme Court on ED: 'हमें मुंह खोलने के लिए मजबूर न करें', सुप्रीम कोर्ट ने ED को लगाई लताड़
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: सुरेश शाह Updated Mon, 21 Jul 2025 05:06 PM IST
Supreme Court on ED: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को जमकर लताड़ लगाई और ईडी के कथित राजनीतिक रूप से इस्तेमाल होने को लेकर तीखी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को लताड़ लगाते हुए यहां तक कह दिया कि, हमें मुंह खोलने के लिए मजबूर न करें। इसके साथ ही एक अन्य सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ED तो अब सारी सीमाएं ही लांघ रही है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सीएम की पत्नी के खिलाफ दायर ईडी की याचिका को खारिज कर दिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने ईडी की याचिका पर सुनवाई की। ईडी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उच्च न्यायालय ने कर्नाटक सीएम की पत्नी पार्वती के खिलाफ MUDA घोटाले में कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी। ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 'श्रीमान राजू, कृप्या हमें अपना मुंह खोलने के लिए मजबूर न करें। वर्ना हमें ईडी के खिलाफ कुछ कड़े शब्दों का इस्तेमाल करना पड़ेगा। दुर्भाग्य से, मुझे महाराष्ट्र में इसे लेकर कुछ अनुभव है। इसे पूरे देश में मत फैलाइए। राजनीतिक लड़ाई को मतदाताओं के सामने लड़ने देना चाहिए, उसमें आप क्यों इस्तेमाल हो रहे हैं।' अदालत ने ईडी की याचिका खारिज कर दी और कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ईडी की तरफ से वकीलों को तलब करने के मामले में सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने ईडी की कैर्यशैली को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि एजेंसी वकीलों को समन भेजकर हर हद पार कर रही है, जो कानून के पेशे की स्वतंत्रता पर खतरा बन सकता है। मामले में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की, जब कोर्ट ने इस मुद्दे पर खुद संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की। यह सुनवाई उन मामलों से जुड़ी है जिनमें वकीलों को सिर्फ अपने मुवक्किलों को कानूनी सलाह देने पर ईडी ने नोटिस भेजे हैं।
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