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S Jaishankar Meets Xi Jinping: India's diplomacy is the biggest challenge for Pakistan. Beijing SCO Meet
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S Jaishankar Meets Xi Jinping: भारत की कूटनीति Pakistan के लिए सबसे बड़ी चुनौती। Beijing SCO Meet
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Tue, 15 Jul 2025 02:25 PM IST
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार सुबह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं और अभिवादन पहुंचाया. विदेश मंत्री ने इस मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “आज सुबह बीजिंग में अपने साथी SCO विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन उन्हें पहुंचाया. राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हमारे द्विपक्षीय संबंधों के हालिया विकास से अवगत कराया. इस संबंध में हमारे नेताओं के मार्गदर्शन को महत्व देते हैं.
”SCO बैठक में भारत-चीन संबंधों पर चर्चा सूत्रों के अनुसार, जयशंकर और शी जिनपिंग के बीच भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में हालिया प्रगति, आपसी सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे विषयों पर चर्चा हुई. विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत नेतृत्व स्तर पर संवाद को बेहद अहम मानता है और उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है.क्यों अहम है यह मुलाकात? भारत और चीन के बीच पिछले कुछ साल में सीमा विवाद और व्यापारिक तनाव के बावजूद बातचीत जारी रखने की कोशिश की जा रही है. बीजिंग में यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब SCO जैसे बहुपक्षीय मंच पर दोनों देशों के नेताओं के बीच संवाद को एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है.विदेश मंत्री एस जयशंकर का चीन दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच चीन ने पाकिस्तान को सैन्य समर्थन दिया था। इस बीच 2020 से 2025 के बीच भारत-चीन संबंधों में भरोसे की कमी साफ दिखी है।
सीमा विवाद को लेकर तनाव कम जरूर हुआ है लेकिन अब भी इसका गहरा प्रभाव देखने को मिल रहा है। भारत-चीन के संबंधों में जहां कभी सहयोग की संभावना थी, अब वहां सावधानी और दूरी का माहौल है। दोनों देश अभी भी बातचीत तो कर रहे हैं, लेकिन रिश्ते पहले जैसे नहीं रह गए। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि गालवान झड़प ने भारत-चीन संबंधों को 'सहयोग से टकराव' की ओर मोड़ दिया है। ऐसा नहीं है कि इन वर्षों में भारत और चीन के संबंध आगे नहीं बढ़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात भी हुई है।
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