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These rules will change for UPI users from August 1, know what will be the new changes.
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1 अगस्त से UPI यूजर्स के लिए बदल ये जाएंगे नियम, जानें क्या होंगे नए बदलाव।
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Wed, 30 Jul 2025 11:03 AM IST
आज के दौर में UPI (Unified Payments Interface) भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे लोकप्रिय माध्यम बन चुका है। लाखों लोग रोजाना UPI का इस्तेमाल न सिर्फ पेमेंट करने के लिए करते हैं, बल्कि बैलेंस चेक करने, सब्सक्रिप्शन फीस भरने, EMI चुकाने और बिल पेमेंट तक के लिए भी इसे चुनते हैं।
लेकिन 1 अगस्त 2025 से यूपीआई यूजर्स के लिए कुछ नए नियम लागू होने जा रहे हैं। ये बदलाव नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से किए जा रहे हैं, ताकि डिजिटल ट्रांजैक्शन को और अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाया जा सके।
आइए विस्तार से जानते हैं कि ये नए नियम क्या हैं और इनका असर आम और कारोबारी यूजर्स पर कैसा होगा।
1. बैलेंस चेक करने की लिमिट तय
अगर आप UPI ऐप्स जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm या BHIM App के जरिए दिन में कई बार अपना बैंक बैलेंस चेक करते हैं, तो अब इस आदत में बदलाव करना होगा।
NPCI के नए नियमों के मुताबिक, 1 अगस्त 2025 से UPI यूजर केवल 50 बार ही रोज अपना बैलेंस चेक कर सकेगा। यानी दिनभर में आप सिर्फ पचास बार ही अपने बैंक अकाउंट की जानकारी UPI ऐप के जरिए निकाल सकते हैं।
क्यों लाया गया ये नियम?
NPCI का कहना है कि कुछ यूजर्स बार-बार बैलेंस चेक करते हैं, जिससे नेटवर्क पर जरूरत से ज्यादा लोड पड़ता है। इससे कभी-कभी UPI सर्वर स्लो या डाउन हो जाता है, जिससे अन्य यूजर्स को ट्रांजैक्शन करने में परेशानी आती है।
आम उपयोगकर्ता के लिए ये लिमिट काफी है, लेकिन बड़े व्यापारी, ई-कॉमर्स विक्रेता या फ्रीलांसर जो लगातार पेमेंट रिसीव करते हैं, उनके लिए यह रोकथाम की तरह हो सकता है।
2. AutoPay ट्रांजैक्शन के लिए तय होंगे टाइम स्लॉट
अब तक ऑटो डेबिट पेमेंट यानी EMI, Netflix/OTT सब्सक्रिप्शन, बिजली-पानी या मोबाइल बिल जैसे भुगतान किसी भी समय प्रोसेस हो जाते थे। लेकिन 1 अगस्त से ये भुगतान केवल निर्धारित टाइम स्लॉट्स में ही किए जाएंगे।
इससे क्या फायदा होगा?
इस नियम का उद्देश्य ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग में आने वाली देरी और सिस्टम लोड को कम करना है। एक ही समय पर लाखों ट्रांजैक्शन होने से सिस्टम पर दबाव बढ़ता है।
टाइम स्लॉट तय होने से सिस्टम में लोड संतुलित रहेगा, और UPI ट्रांजैक्शन ज्यादा तेज और सुरक्षित होंगे।
इसका असर कहां पड़ेगा?
• ऑटो डेबिट यूजर्स को अपनी पेमेंट टाइमिंग की जानकारी रखनी होगी
• अगर स्लॉट में गड़बड़ी हुई, तो पेमेंट अगले दिन तक टल सकता है
• कुछ सब्सक्रिप्शन सेवाएं खुद नोटिफिकेशन देकर यूजर्स को स्लॉट के बारे में जानकारी दे सकती हैं
3. ₹2000 से अधिक UPI ट्रांजैक्शन पर नहीं लगेगा GST
कुछ समय से यह अटकलें चल रही थीं कि ₹2000 से ज्यादा की UPI पेमेंट पर सरकार जीएसटी वसूल सकती है, लेकिन सरकार ने खुद इन आशंकाओं को खारिज कर दिया है।
22 जुलाई को राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ-साफ कहा कि: “UPI ट्रांजैक्शन पर GST लगाने का कोई प्रस्ताव या सिफारिश GST काउंसिल के समक्ष नहीं है।”
इस घोषणा के बाद यह स्पष्ट हो गया कि
• ₹2000 या उससे अधिक की UPI ट्रांजैक्शन पूरी तरह टैक्स-फ्री रहेंगी
• डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार कोई आर्थिक बोझ नहीं डाल रही
• व्यापारी वर्ग और आम जनता के लिए ये बड़ा राहतभरा फैसला है
UPI: कैसे बना हर हाथ में बैंक
इन नियमों से यह भी स्पष्ट होता है कि कैसे UPI अब सिर्फ पेमेंट टूल नहीं, बल्कि एक पूर्ण बैंकिंग प्लेटफॉर्म बन गया है। घर बैठे मोबाइल से ट्रांजैक्शन, चेक बुक से लेकर कैश काउंटर तक की झंझट को खत्म कर चुका है।
सरकार और RBI के आंकड़ों के अनुसार:
• हर महीने 1200 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन UPI के माध्यम से हो रहे हैं
• 85% डिजिटल पेमेंट UPI के जरिए होते हैं
• ग्रामीण भारत में भी UPI अपनाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है
क्या करें UPI यूजर्स?
1 अगस्त से लागू होने वाले इन नियमों से पहले, सभी UPI यूजर्स को चाहिए कि वे:
• अपने ऐप्स को अपडेट रखें
• बैलेंस चेक की आदत सीमित करें
• AutoPay सब्सक्रिप्शन के नई टाइमिंग नोटिफिकेशन पर ध्यान दें
• किसी भी बदलाव की जानकारी NPCI की वेबसाइट या ऐप के जरिए समय-समय पर लें
1 अगस्त 2025 से यूपीआई में आने वाले बदलाव डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और मजबूत कदम हैं। ये नियम सुरक्षा, दक्षता और नेटवर्क स्थिरता को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
जहां एक ओर कुछ यूजर्स को सीमित बैलेंस चेक या ऑटो पे स्लॉट्स से थोड़ी परेशानी हो सकती है, वहीं दूसरी ओर ट्रांजैक्शन का अनुभव और अधिक स्मार्ट, तेज़ और भरोसेमंद बनने जा रहा है।
यूपीआई ने बैंकिंग को सिंगल क्लिक पर ला दिया है, अब बारी हमारी है कि हम इसे समझदारी और सावधानी से इस्तेमाल करें।
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