Hindi News
›
Video
›
India News
›
USA H1-B VISA Rules: Trump's decision will benefit China, know how?
{"_id":"68d141745afc6fde4f0cb0e7","slug":"usa-h1-b-visa-rules-trump-s-decision-will-benefit-china-know-how-2025-09-22","type":"video","status":"publish","title_hn":"USA H1-B VISA Rules: Trump के फैसले से होगा चीन को फायदा, जानें कैसे ?","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
USA H1-B VISA Rules: Trump के फैसले से होगा चीन को फायदा, जानें कैसे ?
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Mon, 22 Sep 2025 06:00 PM IST
H1B visa पर ट्रंप के फैसले से सबसे ज्यादा चीन को फायदा होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा पर सालाना एक लाख डॉलर यानी 88 लाख रुपये की भारी-भरकम फीस लगाई है। ट्रंप ने यह फीस इसलिए लगाई है ताकि कंपनियां अमेरिकी H-1B वीजा पर स्किल्ड विदेशी वर्कर्स को काम पर रखने की बजाय अमेरिकी लोगों को काम पर रखें। इसकी मार भारतीयों पर पड़ेगी, जिन्हें H-1B का सबसे अधिक फायदा मिलता आ रहा है। यह भी तय है कि ट्रंप के इस कदम को वहां की अदालत में चुनौती दी जाएगी।
ट्रंप ने मारी पलटी: ट्रंप के समर्थक भी H-1B प्रोग्राम को लेकर बंटे रहे हैं। टेस्ला के संस्थापक एलॉन मस्क इनमें से एक हैं। इस वीजा पर जब पहले विवाद हुआ था, तब मस्क ने इसका बचाव किया था। उन्होंने कहा था कि वह अमेरिकी नागरिक बनने से पहले H-1B वीजा होल्डर थे। खुद ट्रंप भी H-1B वीजा को लेकर रुख बदलते रहे हैं। पहले उन्होंने कहा था कि वह स्किल्ड लोगों के अमेरिका आने के पक्षधर हैं, बाद में इस बात से पलट गए।चीन का फायदा: H-1B वीजा से खासतौर पर अमेरिकी टेक्नॉलजी कंपनियों को दूसरे देशों से प्रतिभाशाली लोगों को अपने यहां काम पर रखने में मदद मिलती है। आज चीन के साथ अमेरिका प्रतिस्पर्धा में उलझा है। दोनों के बीच टेक्नॉलजी वॉर चल रही है। ऐसे में H-1B प्रोग्राम पर अंकुश लगाना अमेरिका को भारी पड़ सकता है।ट्रंप के H-1B वीजा पर इस फैसले से अमेरिकी कंपनियों में भी हड़कंप है। उन्हें लगता है कि इससे अहम पदों पर नियुक्तियां भी प्रभावित होंगी। US चैंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि वह ट्रंप सरकार के साथ इस कदम के असर को समझने और आगे की राह के बारे में बात कर रहा है।AI रिसर्च पर असर: अमेरिकी कंपनियों को अब H-1B वीजा प्रोग्राम को लेकर अपने अप्रोच में बदलाव करना होगा। AI जैसे क्षेत्र में उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता कमजोर पड़ सकती है। असर सिर्फ टेक्नॉलजी कंपनियों पर ही नहीं होगा। इससे मेडिकल और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के साथ यूनिवर्सिटीज भी प्रभावित हो सकती हैं, जिन्हें H-1B वीजा जारी किए जाते हैं।
लंबी अवधि में नुकसान: वीजा नीतियों में इस बदलाव का अमेरिकी इकॉनमी और कॉरपोरेट अमेरिका को लंबी अवधि में भी नुकसान होगा। खासतौर पर स्टार्टअप्स को। स्टार्टअप्स को डर है कि बड़ी कंपनियां जहां इतनी फीस चुकाने में सक्षम हैं, वहीं उभरती हुई कंपनियों के लिए ऐसा करना मुश्किल होगा।
सैलरी से ज्यादा फीस: H-1B प्रोग्राम का इस्तेमाल सबसे ज्यादा भारतीय करते हैं, इसलिए उनकी मुसीबत भी बड़ी है। इनमें से कइयों की तो सैलरी भी उतनी नहीं है, जितनी इस वीजा की फीस तय की गई। है। ऐसे में जो कंपनियां H-1B वीजा को स्पॉन्सर करती हैं, उनकी दिलचस्पी इस रास्ते से हायरिंग में घट सकती है। संभव है कि वे इसका इस्तेमाल हाई स्किल्ड पेशेवरों के लिए ही करें।
L-1 का रास्ता: माना यह भी जा रहा है। कि कंपनियां अब विदेशी वर्कर्स के लिए L-1 वीजा का ज्यादा इस्तेमाल करेंगी। जहां अमेरिका ने साल में 85000 H-1B वीजा की लिमिट तय की हुई है, वहीं L-1 वीजा को लेकर कोई ऐसी सीमा नहीं है। हालांकि, इस वीजा का इस्तेमाल कंपनी के अंदर ट्रांसफर के लिए किया जाता है, न कि नई हायरिंग के लिए। फिर इस पर भी अमेरिकी एडमिनिस्ट्रेशन की नजर है। दरअसल, H-1B वीजा की तरह ग्लोबल IT और आउटसोर्सिंग कंपनियां L-1 वीजा का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करती हैं। इसलिए इसे भी ट्रंप सरकार निशाना बना सकती है।
वहीं, पिछले कुछ वर्षों से भारत में मल्टीनेशनल कंपनियां ग्लोबल कैपेबिलिटीज सेंटर (GCC) में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। अमेरिका के H-1B वीजा पर सख्ती से ये कंपनियां यहां और भी अधिक हायरिंग कर सकती हैं। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका जा रहे हैं। आशा है कि व्यापार समझौते पर बातचीत के साथ वह H-1B वीजा का मुद्दा भी अमेरिकी प्रतिनिधियों के सामने उठाएंगे। दोनों देशों के बीच ऐसे विवाद जितनी जल्द खत्म हों, यह दोनों के लिए उतना ही बेहतर होगा।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।