जिले की पाटी जनपद पंचायत में मनरेगा फंड घोटाले में पुलिस ने तीन वेंडरों को गिरफ्तार किया है। पाटी थाना प्रभारी रामदास यादव ने बताया कि बोकराटा के जावेद खान, रवि वानखेडे़ और पाटी के अली असगर को हिरासत में लिया गया। उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से तीन दिन का पुलिस रिमांड मिला। अधिकृत जानकारी के अनुसार, जनसुनवाई में प्राप्त शिकायत के आधार पर जांच दल का गठन किया गया। दल ने पाटी विकासखंड की सेमलेट, लिम्बी, कंडरा, वेरवाडा, ओसाडा और आंवली ग्राम पंचायतों में किए गए निर्माण कार्यों की जांच की। जांच में अधिकांश कार्य गुणवत्ताहीन पाए गए या राशि निकालने के बाद निर्माण स्थल पर नहीं थे।
कोरे बिल और फर्जी दस्तावेज
जांच में यह भी सामने आया कि ग्राम पंचायतों ने पोर्टल पर बिना जीएसटी/टिन नंबर के अस्पष्ट और कोरे बिल अपलोड किए। सरपंच, सचिव और सहायक सचिवों ने वेंडरों के खातों में शासकीय राशि का भुगतान कर दिया। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी काजल जावला ने संबंधित अधिकारियों और वेंडरों के खिलाफ दो मामले दर्ज कराए थे।
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दस्तावेज और प्रमाण
जिला पंचायत सीईओ के अनुसार, पाटी थाना ने अतिरिक्त जानकारी मांगी थी, जो उपलब्ध कराई गई। लगभग 400 पन्नों के दस्तावेज और प्रमाण जांच दल को उपलब्ध कराए गए। जांच से स्पष्ट हुआ कि ग्राम पंचायतों में बिना निर्माण राशि व्यय करने की प्रवृत्ति रोकने के लिए सभी वेंडरों की गिरफ्तारी आवश्यक थी।
फर्जी बिल पर कार्रवाई के लिए लिखा
जिला पंचायत ने आयुक्त वाणिज्य कर वृत्त इंदौर को पत्र भेजा। इसमें बताया गया कि नौ वेंडरों ने बिना जीएसटी, अस्पष्ट और फर्जी बिल के माध्यम से राशि प्राप्त की। उनके खिलाफ मध्य प्रदेश जीएसटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई किए जाने का लिखा है।