राजपुर ब्लॉक के वासवी गांव की करीब 200 से अधिक आदिवासी परिवारों को आजादी के दशकों बाद भी आवास और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मंगलवार को गांव की महिलाएं करीब 5 किलोमीटर पैदल चलकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं और अपनी समस्याएं अधिकारियों के सामने रखीं।
वासवी गांव की आधी आबादी अभी भी प्रधानमंत्री आवास योजना और नलजल योजना से वंचित है। ग्रामीणों को पीने का पानी रोजाना 2-3 किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है। इसके अलावा गांव में कोई मांगलिक भवन नहीं है, बिजली आपूर्ति अनियमित है और सड़कें जर्जर हालत में हैं। महिलाओं के प्रदर्शन के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें गेट पर रोकने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण महिलाएं नारेबाजी करते हुए कलेक्टर के चेम्बर तक पहुंच गईं। कोतवाली पुलिस बल ने हस्तक्षेप किया, लेकिन महिलाओं ने बैठक में शामिल होने की जिद नहीं छोड़ी।
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इस पर प्रभारी कलेक्टर काजल जावला मौके पर पहुंचीं और ग्रामीण महिलाओं की समस्याएं सुनीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही 2 सितंबर को वासवी ग्राम पंचायत में समस्या निवारण शिविर आयोजित करने की घोषणा की गई। प्रभारी कलेक्टर ने मीडिया को बताया कि सर्वे के माध्यम से पात्र परिवारों के नाम दर्ज किए गए हैं और गांव में आयोजित शिविर में बिजली, पानी और सड़क से संबंधित शिकायतों का समाधान भी किया जाएगा।