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Chhatarpur News: टीआई अरविंद कुजूर को दी गई भावभीनी विदाई, पुलिस परिवार ने दी सलामी, गमगीन हुआ शहर
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, छतरपुुर Published by: छतरपुर ब्यूरो Updated Fri, 07 Mar 2025 09:35 PM IST
छतरपुर सिटी कोतवाली के टीआई अरविंद कुजूर के पार्थिव शव को शुक्रवार की दोपहर पुलिस लाइन में पुलिस परिवार और शहर के लोगों ने अंतिम श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर पुलिस परिवार ने गार्ड ऑफ ऑर्नर के साथ नम आंखों से उन्हें विदा किया। शहर के अनेक जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता भी गमगीन नजर आए।
उल्लेखनीय है कि अरविंद कुजूर ने 6 मार्च की शाम पेप्टेक टाउन स्थित अपने किराए के आवास पर खुद को गोली मारकर मौत के घाट उतार लिया था। शुक्रवार की सुबह सागर से अरविंद कुजूर की पत्नि अंजना और उनके भाई व परिवार के कुछ लोग भी छतरपुर पहुंचे। इसके बाद 5 डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ अरविंद कुजूर के शव का पोस्टमार्टम किया। जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम होने के बाद उनके शव को पुलिस लाइन ले जाया गया जहां पुलिस बैण्ड की उपस्थिति में सशस्त्र सलामी देकर अरविंद कुजूर के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान डीआईजी ललित शाक्यवार, एसपी अगम जैन, एएसपी विक्रम सिंह, सीएसपी अमन मिश्रा सहित जिले का पुलिस अमला गमगीन नजर आया। समारोह में विधायक ललिता यादव, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह, नपाध्यक्ष ज्योति चौरसिया, पूर्व अध्यक्ष अर्चना सिंह, व्यापारी नेता लालू लालवानी सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने भी नम आंखों से अपने जाबांज अफसर को विदा किया।
समारोह के दौरान अरविंद कुजूर की पत्नि जब पुष्पगुच्छ लेकर उनके शव की तरफ बढ़ीं तो बिलख-बिलख कर रोने लगीं। पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि समारोह के बाद अरविंद कुजूर के शव को सागर ले जाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
कौन थे अरविंद कुजूर, जिनके लिए शहर दुखी
अरविंद कुजूर मूलत: छत्तीसगढ़ के जसपुर गांव के निवासी थे। विलियम कुजूर के बेटे अरविंद कुजूर को मप्र के काबिल और बहादुर इंस्पेक्टर में शुमार किया जाता था। वे छतरपुर और पन्ना में कई वर्षों तक अलग-अलग थानों में सेवाएं देते हुए इस इलाके से काफी जुड़ चुके थे। उन्हें दो बार अपनी बहादुरी और सही जांच प्रयासों के लिए रूस्तम अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका था।
अरविंद कुजूर अगस्त 2024 में छतरपुर कोतवाली में हुए पथराव काण्ड के मुख्य फरियादी भी थे जब मुस्लिम समाज की एक भीड़ ने विवाद के बाद थाने में पथराव कर दिया था तब वे जख्मी भी हुए थे। अरविंद कुजूर को अधिकारियों का खास इंस्पेक्टर भी माना जाता था। हालांकि कार्यकाल के दौरान उन पर कई तरह के आरोप भी लगते रहे लेकिन इसके बाद भी वे हमेशा मुख्यधारा में रहकर पुलिसिंग करते रहे।
आत्महत्या काण्ड में संदिग्ध आशीराजा की तलाश
अरविंद कुजूर आत्महत्या काण्ड में पिछले 24 घंटों से उनकी एक महिला मित्र आशी राजा सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। मूलत: बिजावर की रहने वाली 25 वर्षीय आशी राजा अपनी मां के साथ छतरपुर के रजा हॉल के समीप निवास करती थीं। सूत्र बताते हैं कि अरविंद कुजूर और आशीराजा के बीच काफी निकट संबंध थे। इस मामले में सूत्रों का दावा है कि आत्महत्या के पहले भी अरविंद कुजूर और आशीराजा के बीच कई बार बात हुई थी। पुलिस की एक टीम आत्महत्या के बाद से ही आशी राजा की तलाश में जुटी है।
6 मार्च को ही एक टीम ने आशीराजा के छतरपुर आवास पहुंचकर उनकी तलाश की लेकिन यह लड़की तब तक घर से फरार हो चुकी थी। पुलिस ने उसकी मां से पूछताछ की और इसके बाद उसकी तलाश शुरू कर दी। बताया गया है कि अरविंद कुजूर के साथ आशीराजा का रिश्ता लगभग एक साल पुराना था। आशीराजा बेहद गरीब परिवार से थीं जो छतरपुर आकर विद्यार्थी परिषद की छात्र राजनीति से जुड़ीं और इसी दौरान अरविंद कुजूर के निकट आ गयी थीं। पुलिस की जांच में यह साफ हो सकेगा कि इस आत्महत्या काण्ड में आशीराजा की क्या भूमिका है। पुलिस उसके सीडीआर खोजकर उसकी तलाश कर रही है।
अब हर्ष परमार और कुजूर के लेनदेन का क्या होगा?
शहर के तमाम लोगों के करोड़ों रुपए लेकर रफू चक्कर हुआ शातिर खिलाड़ी हर्ष परमार पुलिस से आंख मिचोली खेल रहा है। जिन लोगों के पैसे हर्ष परमार ले गया है उन लोगों ने कोतवाली में शिकायत भी दर्ज कराई है ऐसा कहा जा रहा है कि उसे किसी न किसी रूप में संरक्षण मिल रहा था इसलिए वह पुलिस के हाथ नहीं आया। दिवंगत टीआई कोतवाली अरविंद कुजूर के भी 55 लाख रुपए हर्ष परमार ने अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में फंसा कर ले लिए थे। श्री कुजूर की यह मोटी रकम भी वापस नहीं हो सकी।
सूत्रों का कहना है कि नटवरलाल हर्ष परमार अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर न केवल आम लोगों को चूना लगाता रहा बल्कि रकम को जल्द दुगना और तिगुना करने का भरोसा देकर अधिकारियों से भी मोटी रकम ऐंठ ली थी। सूत्रों पर भरोसा करें तो दिवंगत टीआई अरविंद कुजूर से भी 55 लाख रुपए लेकर हर्ष परमार ने अपने कथित व्यवसाय में लगा दिए थे। चूंकि रकम ज्यादा है इसलिए अरविंद कुजूर अपने साथ घटित हुई धोखाधड़ी को किसी के समक्ष आधिकारिक तौर पर कभी नहीं सके। हालांकि उनसे जुड़े लोगों को इस बारे में बेहतर जानकारी थी।
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