तेंदूखेड़ा ब्लॉक में ब्यारमा नदी के उफान से भीषण बाढ़ आ गई है, जिससे क्षेत्र के दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ के चलते कई परिवारों के पास ना खाने को भोजन बचा है और ना पहनने को कपड़े। गांव के लोगों ने जब अपनी आपबीती सुनाई तो उनकी आंखें नम हो गईं।
तारादेही और सर्रा सेक्टर के कई गांवों में भारी नुकसान हुआ है। वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले भैसा, मादो, कुंदपुरा जैसे गांव भी बाढ़ की चपेट में आ गए।
ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार रात वे सो रहे थे, तभी अचानक पानी आ गया। चारों ओर अंधेरा और बहता पानी देख लोग घबरा गए। दो से तीन फीट पानी घरों के अंदर और बाहर भर गया। तेज बहाव के कारण किसी को एक-दूसरे की मदद करने का भी मौका नहीं मिला।
कच्चे मकान ढहे, गृहस्थी बह गई
जिनके घर कच्चे थे, वे तेज धार में बह गए। घरों में रखे सामान, कपड़े, बिस्तर और अनाज सब कुछ पानी में बह गया। कई परिवारों के तो पलंग तक नहीं बचे। रातभर डर के साए में गुजारने के बाद सुबह जब पानी उतरा तो हर तरफ तबाही का मंजर था। गांव वालों ने बताया कि जब पानी आया तो कुछ देर मवेशियों की आवाज सुनाई दी, लेकिन फिर वे भी बहाव में कहां चले गए, कुछ पता नहीं चला।
पढ़ें: मजदूरों से भरे वाहन को पीछे आ रहे ट्राले ने मारी टक्कर, दस मजदूर घायल, चार रेफर
सर्रा में दोपहर तक तीन फीट पानी
सर्रा, गोपालपुर, महगवा और झमरा जैसे गांवों में हालात और भी खराब रहे। सर्रा गांव में मंगलवार की दोपहर तक दो से तीन फीट तक पानी जमा रहा। यह गांव बड़ा है, जहां मेडिकल स्टोर, किराना दुकानें, कपड़े की दुकानें और छात्रावास स्थित हैं, सब कुछ पानी में डूब गया। दुकानों का सारा सामान बर्बाद हो गया है। खेतों की फसलें भी पूरी तरह चौपट हो गई हैं।
पूरे गांव हो गए तबाह
जवेरा के पूर्व विधायक प्रताप सिंह लोधी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने सर्रा, भैसा, देवरी, शंकर, मादो, कुंदपुरा, चोर खमरिया, सरसबगली, झमरा, खमतरा जैसे गांवों में जाकर हालात का जायजा लिया। ग्रामीणों से मुलाकात कर उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पूर्व विधायक ने बताया कि लगभग 18 से 20 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लोगों के पास ना अनाज बचा है और ना कपड़े।
तेंदूखेड़ा स्थित विद्यासागर दयोदय गौशाला के अध्यक्ष संजय जैन भी अपने साथियों के साथ ग्रामीण इलाकों में पहुंचे। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को भोजन और कपड़े वितरित किए। ग्राम पंचायत सर्रा के सरपंच दिनेश खरे ने बताया कि गांव में आधा दर्जन मकान पूरी तरह गिर चुके हैं, जबकि कई क्षतिग्रस्त हैं। करीब 45 से 50 परिवार बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ से प्रभावित लोग अब सरकार और प्रशासन की ओर राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें तत्काल भोजन, कपड़े, पशुधन के लिए चारा, और क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए आर्थिक सहायता दी जाए।