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Karwa Chauth Vrat: Raja Bhoj's wife performed puja here, women arrive here on the day of Karwa Chauth.
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Karwa Chauth Vrat : यहां की थी राजा भोज की पत्नी ने पूजा, करवा चौथ के दिन पहुंचती हैं महिलाएं
Video Desk Amar Ujala Published by: अंजलि सिंह Updated Fri, 10 Oct 2025 02:15 PM IST
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पति की लम्बी उम्र और सुहागिन रहने के लिए महिलाएं करवा चौथ का निर्जला व्रत रखती हैं। भारत वर्ष में करवा चौथ माता के तीन प्रसिद्ध मंदिर है एक राजस्थान के सबाई माधोपुर जिले में है दूसरा मप्र के उज्जैन में है तीसरा रायसेन जिले के भोजपुर में है । भोजपुर के पास राजाभोज के समय बनाया गया है । राजा भोज को कोढ़ की वीमारी थी उस समय राजा भोज की पत्नी ने चौथ माता की पूजा की थी, भोजपुर से जंगल के रास्ते ग्राम इमलिया के बीच मे है चौथ माता मंदिर कहते है यहां सुहागिन महिलाएं करवा चौथ के दिन माँ से जो भी मांगती है मुराद पूरी होती है ।
चौथ माता मंदिर 500 वर्ष पुराना बताया जाता है इमलिया गाव के लोग इन्हें अपनी कुलदेवी मानते है यहां के पुजारी बताते है सुबह 4 से 5 बजे के बीच शेर आता है जो कभी मंदिर के सामने ओर कभी सड़क पर खड़े होकर दहाड़ता है ऐसा कहा जाता है वो मंदिर में माता के सामने दस्तक देता है कई बार लोगो ने यहां शेर के पंजे के निशान देखे है यहां रह रहे पुजारी भी इस बात की तस्दीक करते है इमलिया गाव की महिला ने बताया जब 35 साल से मेरे पति की तबियत खराब है लेकिन चौथ माता की कृपा से वो ठीक है और काम कर रहे है।
रायसेन जिले के ओबेदुल्लागंज ब्लाक में भोजपुर मंदिर से 3 किलोमीटर दूर है करवा चौथ माता का मंदिर जहां राजा भोज की पत्नी ने सबसे पहले पूजा की थी । ऐसा बताते है कि राजा भोज को कोढ़ का रोग था जिसके उपाय के लिए 9 नदी 99 नालों को मिलाकर बांध बनाया था और उसके जल से भोजपुर शिवलिंग पर जल अभिषेक किया था। बही बांध के पानी की निकासी जिसे मोरी कहते है उसी के बीच मे चौथ माता को स्थापित किया गया था जहां राजा भोज की पत्नी ने अपने पति की लंबी उम्र और सुहागिन के लिए पूजा की थी । यह स्थान दो पहाड़ियों की प्राकृतिक सौंदर्यता में बना है । भोजपुर का विशाल शिवलिंग 10 सदी का बना हुआ है जिसे द्वापर कालीन भी बताते है । शिव लिंग ,पार्वती मंदिर और चौथा माता मंदिर तीनो आसपास बने हुए है । गौरतलव है कि भारत वर्ष में चौथ माता का मंदिर राजस्थान के सबाई माधोपुर जिले में है दूसरा मंदिर उज्जैन जिले में है जो सिर्फ एक दिन खुलता है तीसरा मंदिर राजा भोज के समय का भोजपुर मंदिर से 10 किलोमीटर दूर बना है जो वर्ष भर खुला रहता है । ऐसी मान्यता हैं कि यहाँ दर्शन पूजा करने से महिलाओं को सुहागिन का वरदान मिलता है । यही पर राजाभोज की पत्नी ने करवा चौथ की पूजा की थी ऐसा लोग बताते है...
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