मध्यप्रदेश में राजगढ़ जिले के कोतवाली थाने में मंगलवार को एक पक्षकार की शिकायत पर उसके द्वारा नियुक्त किए गए अधिवक्ता के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है, जिसमें पक्षकार का आरोप है कि अधिवक्ता के द्वारा कोर्ट फीस के नाम पर उसे फर्जी रसीद दी गई। उसका केस डिले किया गया, जिसके पश्चात अधिवक्ता के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज करते हुए वकील को हिरासत में ले लिया गया, जिसे बुधवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
जानकारी के मुताबिक, फरियादी रामनारायण पिता बापूलाल सोधिया ने 18 अप्रैल 2024 को एक लिखित आवेदन राजगढ़ पुलिस को दिया था, जिसमें उसने बताया था कि उसके द्वारा अर्जुन सिंह पिता विजय सिंह चौहान के साथ अर्जुन बिल्डकॉन कंपनी के माध्यम से राजगढ़ जिले में पेचवर्क का कार्य किया था, जिसके 20 लाख रुपये उसे अर्जुन सिंह से लेने थे। अर्जुन सिंह ने उसे 20 लाख रुपये का चेक दिया था, जो कि बाउंस हो गया। उसके पश्चात उन्होंने अपने अधिवक्ता गिरिराज गुप्ता के माध्यम से धारा-138 एक्ट के तहत केस दर्ज कराया, जिसमें उन्हें वकील ने बताया था कि 89,100 रुपये कोर्ट फीस लगेगी और 3,000 रुपये फीस उनकी रहेगी।
इस तरह से कुल 92,000 हजार रुपये फरियादी द्वारा वकील गिरिराज गुप्ता को सुपुर्द किए गए। एक घंटे के पश्चात ही वकील गिरिराज गुप्ता ने उन्हें 89,100 रुपये की रसीद व्हाट्सएप पर उपलब्ध कराई और कहा कि अब अर्जुन सिंह का वारंट निकल जाएगा। लेकिन कुछ समय बीतने के बाद भी वे मुझे गुमराह करते रहे। उनके द्वारा अन्य वकील से जानकारी ली गई, जिस पर उन्हें दूसरे वकील के द्वारा बताया गया कि उनकी कोर्ट फीस जमा नहीं हुई है। इसलिए उनका केस पेंडिंग है। 16 अप्रैल 2024 को अधिवक्ता गिरिराज गुप्ता ने न्यायालय में 60,000 रुपये कोर्ट फीस की रसीद पेश की, जो उसी दिन जमा की गई थी।
मेरे कहने पर उन्होंने मुझे दोनों रसीदें दोबारा से व्हाट्सएप की और कहा कि दोनों असली हैं, जिसकी मैंने स्क्रीन शॉट अपने पास ले लिए थे और उनके द्वारा कुछ देर के बाद ही वो भी व्हाट्सएप से डिलीट कर दी। मुझे शंका होने पर मैंने रसीद ऑनलाइन चेक कराई तो 89,100 रुपये की वह रसीद फर्जी निकली, जिसमें एडिटिंग की हुई थी।
कोतवाली थाना प्रभारी उमाशंकर मुकाती ने बताया कि फरियादी रामनारायण सोंधिया की शिकायत पर आरोपी अधिवक्ता गिरिराज गुप्ता के विरुद्ध धारा- 420, 467 और 468 आईपीसी के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। वहीं, फरियादी ने बताया कि मेरे केस को पूरी तरह से अधिवक्ता बिगाड़ चुके हैं। इनके द्वारा मुझे फर्जी रसीदें दी गई और कोर्ट फीस भी समय पर जमा नहीं की गई, जिससे मेरा केस पूरी तरह से बिगड़ चुका है और मुझे 20 लाख रुपये का सीधा-सीधा नुकसान है।