सीहोर में स्वास्थ्य विभाग तब हरकत में आया जब छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप पीने से 25 से अधिक मासूमों की मौत ने पूरे प्रदेश को हिला दिया। इस घटना को एक माह बीतने के बाद अब जिले के ड्रग इंस्पेक्टर किरण मगरे ने शहर के मेडिकल स्टोर्स की जांच शुरू की। पहली ही जांच में कई गंभीर खामियां सामने आईं, कहीं फार्मासिस्ट मौजूद नहीं था, तो कहीं दवाओं के बिलों और पंजी में गड़बड़ी पाई गई।
बिना फार्मासिस्ट चल रहे मेडिकल स्टोर्स
जांच के दौरान सीहोर शहर के गंगा आश्रम स्थित तोमर मेडिकल और सीहोर एजेंसी पर फार्मासिस्ट मौजूद नहीं मिले। वहीं सीहोर केमिस्ट, विनायक मेडिकल, न्यू सीहोर केमिस्ट और भाग्यलक्ष्मी मेडिकल पर बिक्री रजिस्टर में बड़ी गड़बड़ियां पाई गईं। यह भी पाया गया कि कई दुकानों पर संचालक या उनके परिजन बिना प्रशिक्षण के ही दवाएं दे रहे थे। ऐसे लोग जो न तो दवा की खुराक जानते हैं और न ही उनके दुष्प्रभावों का ज्ञान रखते हैं, वे मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
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बिलों और रजिस्टर में गड़बड़ी उजागर
ड्रग इंस्पेक्टर किरण मगरे ने बताया कि जिन मेडिकल स्टोर्स की जांच की गई, उनमें से 10 में से 7 दुकानों में गंभीर अनियमितता पाई गई। बिक्री पंजी, खरीद-बिक्री के बिल और रोजाना के रजिस्टर या तो अधूरे थे या अपडेट ही नहीं किए गए थे। इससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि कौन सी दवाएं मरीजों को दी जा रही हैं और उनकी खपत कैसे दर्ज हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इन दुकानों से दवाओं के सैंपल लिए हैं जिन्हें अब परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
मेडिकल एसोसिएशन ने जताया विरोध
मेडिकल एसोसिएशन ने इस जांच कार्रवाई पर आपत्ति जताई है। संघ का कहना है कि औषधि नियंत्रण विभाग ने प्रतिबंधित औषधियों की सूची जारी किए बिना सीधी कार्रवाई शुरू कर दी, जो अनुचित है। उनका तर्क है कि अधिकांश विक्रेता पैक बंद दवाएं बेचते हैं और दवा सील पैक रूप में कंपनियों से आती है। ऐसे में दुकानों को सील करना और फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति पर जुर्माना लगाना दवा व्यापारियों को भयभीत कर रहा है।
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नोटिस जारी करने की तैयारी
ड्रग इंस्पेक्टर किरण मगरे ने बताया कि जिन दुकानों में अनियमितता मिली है, उन्हें जल्द ही नोटिस जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई किसी को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। जिन दुकानदारों ने नियमों का उल्लंघन किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। विभाग अब जिलेभर के मेडिकल स्टोर्स की क्रमवार जांच करने की तैयारी कर रहा है ताकि कहीं भी बिना लाइसेंस या बिना योग्य फार्मासिस्ट के दुकान न चले।
मरीजों की सुरक्षा बनी बड़ी चिंता
सीहोर नगर सीमा में लगभग 140 मेडिकल स्टोर्स संचालित हैं, जिनमें से अधिकांश पर फार्मासिस्ट नियमित रूप से मौजूद नहीं रहते। कई स्थानों पर कम पढ़े-लिखे युवक मरीजों को दवा देते हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि गलत दवा या गलत खुराक जानलेवा साबित हो सकती है। छिंदवाड़ा जैसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए अब शासन और प्रशासन दोनों को सख्ती दिखानी होगी।