टीकमगढ़ जिले के महाराजपुरा गांव में महिलाओं की अवैध शराब बेचने की शिकायत झूठी निकली। पुलिस की छापामार कार्रवाई में आरोपियों के घर शराब नहीं मिली। हालांकि, नशे में धुत एक व्यक्ति गांव में मिला है।
टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक प्रवक्ता रहमान खान ने शनिवार दोपहर जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को महाराजपुर गांव की महिलाओं ने टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक के नाम एक ज्ञापन सौंपा था। इसमें गांव के ही चार लोगों पर अवैध शराब बेचने का आरोप लगाया था और कहा था कि गांव में लड़ाई झगड़ा और परिवार टूटने की बात कही थी। इसके बाद टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक ने चार पुलिस टीमों का गठन कर बीती रात्रि पूरे गांव में छापामार कार्रवाई की। लेकिन किसी भी आरोपी के घर में शराब बरामद नहीं की गई है।
इसके बाद पुलिस आरोपियों को कोतवाली पूछताछ के लिए लाई और पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि गांव में सिर्फ एक व्यक्ति शराब के नशे में मिला है। जबकि महिलाओं का आरोप था कि शाम ढलते ही गांव में 60 प्रतिशत लोग शराब के नशे में डूबे मिलते हैं। यानी की महिलाओं ने जो शिकायत की थी, वह निराधार और झूठी निकली।
चार टीमों का किया गया था गठन
महिलाओं द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव इसके बाद कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन और फिर केंद्रीय मंत्री के बंगले का घेराव कर गांव में अवैध शराब बेचने का आरोप लगाया था। इसके बाद टीकमगढ़ के पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई ने चार टीमों का गठन किया था, जिन्होंने बीती अर्धरात्रि को महाराजपुरा गांव पहुंचकर के छापामार कार्रवाई की। आवेदन में जिन लोगों के नाम लिखे गए थे, उनके घरों की तलाशी ली गई। लेकिन उन आरोपियों के घरों पर पुलिस को एक भी क्वॉर्टर अवैध शराब नहीं मिली है। यानी की पुलिस बैरंग वापस हो गई, क्योंकि महिलाओं ने जो शिकायत की थी वह झूठी निकली।
गांव के चार लोगों पर लगाया था अवैध शराब बेचने का आरोप
महाराजपुरा गांव की महिलाएं और पुरुष शुक्रवार दोपहर टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय और कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे थे। जो एक बसपा नेता के मार्गदर्शन में प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद जब केंद्रीय मंत्री के बंगले का घेराव किया तो है मामला तूल पकड़ा गया था। पुलिस अधीक्षक को दिए ज्ञापन में महाराजपुर गांव की महिलाओं और लोगों ने गांव के ही रहने वाली जलेबी बाई, संजू यादव, नीरज और रमेश पर अवैध शराब बेचने का आरोप लगाया था।
साथ ही कहा था कि ये लोग पिछले 20 साल से लगातार अवैध शराब बेच रहे हैं, जिस कारण से उनके परिवार टूट रहे हैं और लोग कर्ज में डूबते जा रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड टीकमगढ़ जिले का एक बसपा नेता था, जिसने गांव की महिलाओं को उकसाया और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव कराया। इसके बाद टीकमगढ़ कलेक्ट्रटे पर करीब दो घंटे तक महिला और पुरुष उत्पाद करती रहे। लेकिन कलेक्टर आवेदन लेने नीचे नहीं उतरे थे, उनकी जगह एसडीएम ने आवेदन लिया था।