अनन्त विभूषित जगत गुरु स्वामि प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराज बाबा महाकाल की शरण पहुंचे। इस अवसर पर मंदिर समिति की ओर से सहायक प्रशासक आशीष फलवाडिया द्वारा स्वामी का स्वागत एवं सम्मान किया गया। अनन्त विभूषित द्वारका शारदा एवं ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराज पूज्य शंकराचार्य अनन्तश्री विभूषित उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं पश्चिमाम्नाय द्वारका पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य हैं। शंकराचार्य महाराज जयपुर से रतनगढ़ स्थित शाकंभरी माता मंदिर की आधारशिला एवं दिव्य भूमि पूजन समारोह में सम्मिलित होने के बाद उज्जैन पहुंचे। इस दौरान जहां भक्तों एवं श्रद्धालुओं ने उनका स्नेहिल स्वागत किया। वहीं महाराज ने सभी उपस्थितजनों को आशीर्वचन प्रदान किए तथा धर्म, संस्कार और राष्ट्रसेवा के मार्ग पर चलने का संदेश भी दिया। महाराज का स्वागत पुष्पमालाओं, दुपट्टे और नारियल भेंट कर किया गया। तत्पश्चात सभी ने पूज्य शंकराचार्य से आशीर्वाद प्राप्त किया और धर्म, संस्कृति तथा राष्ट्रकल्याण के प्रति समर्पण का संकल्प लिया।
हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर उठाई थी आवाज
बांग्लादेश में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार को लेकर जगद्गुरू स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराज की कड़ी प्रतिक्रिया बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर अनंत विभूषित द्वारका शारदा एवं ज्योतिष द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरू स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है वो मानव जाति और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। उपासना के स्थल को वहां नुकसान पहुंचाया जा रहा है। माता बहनों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील करूंगा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में और भी कदम उठाए जाएं, ताकि बांग्लादेश में धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचाया जाए, उनके उपासना के स्थलों की सुरक्षा की जाए, जो हिन्दू भाई हिन्दुस्तान आना चाहते है उन्हें यहां लाया जाए, वहां महिलाओं के सम्मान की सुरक्षा की जाए। जगद्गुरू स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने यह भी कहा था कि भारतवर्ष में जो अवैध रूप से घुसपैठिए रह रहे हैं, उन्हें देश से बाहर निकाला जाए। भारत सरकार में वह शक्ति है कि वो कश्मीर, पाकिस्तान, बांग्लादेश भी लेगी। उन्होंने आगे कहा कि धर्म के अधीन राजनीति होनी चाहिए। राजनीति धर्म से दिशा प्राप्त करे तो राष्ट्र और विश्व में शांति फैल जाए। हमारे यहां तो जन्म से लेकर मृत्यु तक धर्म से संबंधित होता है। भारत की यही महत्ता है कि यहां धर्म की धड़कन धड़कती है।