जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अंधविश्वास के कारण एक महिला की जान पर बन आई। जानकारी के अनुसार महिला को घर पर सोते समय सांप ने काट लिया। घटना के बाद घबराए परिजन उसे अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक कराने के लिए गांव के एक ओझा के पास ले गए।
ओझा के यहां झाड़-फूंक करवाने के बाद परिजनों को लगा कि अब महिला सुरक्षित है और वे उसे घर ले आए। शुरुआती कुछ घंटों तक महिला की तबीयत सामान्य रही लेकिन धीरे-धीरे सांप के जहर का असर बढ़ने लगा। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल पहुंचाया।
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अस्पताल में डॉक्टरों ने देखा कि महिला की हालत गंभीर है और उसकी सांसें थमने लगी थीं। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने तुरंत सीपीआर देकर उसकी जान बचाई। साथ ही एंटी-स्नेक वेनम और अन्य दवाएं दी गईं, जिसके बाद महिला की स्थिति में सुधार आया, फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
डॉ. धर्मेंद्र रघुवंशी ने बताया कि महिला को अत्यंत गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था। समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच सकी। उन्होंने कहा कि यदि परिजन झाड़-फूंक में समय न गंवाते और सीधे अस्पताल आते तो उसकी स्थिति सामान्य रहती। उन्होंने लोगों से अपील की कि सांप के काटने या किसी अन्य गंभीर स्थिति में झाड़-फूंक पर भरोसा न करें, बल्कि तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं। समय पर इलाज से ही जीवन बचाया जा सकता है।