अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकसभा में पेश किया। सुबह 12 बजे से बिल पर आठ घंटे की चर्चा हुई। बिल के जरिए वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को कानूनी दायरे में लाए जाने का प्रस्ताव है। बिल पर चर्चा में रिजिजू ने 58 मिनट अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने पांच मार्च 2014 को 123 प्राइम प्रॉपर्टी को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दी। ऐसा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अल्पसंख्यक वोटों के लिए किया गया, पर चुनाव हार गए।
रिजिजू ने कहा, अगर हमने आज यह संशोधन बिल पेश नहीं किया होता तो जिस इमारत में हम बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में नहीं आती तो कई अन्य संपत्तियां भी गैर-अधिसूचित हो गई होतीं।
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इस बिल को लेकर जिला मेव पंचायत के संरक्षक शेर मोहम्मद का कहना है कि यह मुसलमान के साथ अन्याय किया जा रहा है। यह कोई सरकारी जमीन नहीं है, मुसलमान की जमीन है। जिसे कॉरपोरेट घराने को दिया जा रहा है। यदि सरकार मुसलमान का भला चाहती है तो आरक्षण दिया जाए। इसके साथ ही अन्य धार्मिक क्षेत्रों भी मुसलमान को समान अधिकार दिए जाएं।
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उन्होंने कहा कि पूरे देश भर में मुसलमान इस बिल के विरोध में खड़े हैं और आगामी दिनों में आंदोलन भी किया जाएगा। शेर मोहम्मद ने कहा कि वक्फ की इनमें से ज्यादातर संपत्ति वह है, जो मुसलमानों की ही है और मुसलमानों द्वारा ही दान की गई है। इसलिए इस बिल से पूरे देश का मुसलमान आहत है। उन्होंने कहा कि यह संपत्ति किसी ट्रस्ट ने भी नहीं दी है और यह संपत्ति वक्फ की ही है। उन्होंने कहा कि इस बिल के आने के बाद पूरे देश का मुसलमान इसके विरोध में है।
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