अलवर में 22 नवंबर को सर्राफा व्यापारी से हुई नकदी और माल लूट की घटना के विरोध में संयुक्त व्यापारी महासंघ (रजि.) अलवर ने कड़ा रुख अपनाया है। महासंघ के अध्यक्ष हरमीत सिंह मेहंदीरत्ता के नेतृत्व में व्यापारियों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि शहर में बढ़ रही आपराधिक वारदातों से व्यापारियों और आमजन में गहरी असुरक्षा पैदा हो रही है।
पुलिस कार्रवाई पर सवाल, 48 घंटे की समयसीमा तय
व्यापारी महासंघ ने कहा कि लूट की गंभीर वारदात के बाद भी पुलिस की कार्रवाई संतोषजनक नहीं है। संगठन ने स्पष्ट चेतावनी दी कि 48 घंटे के भीतर यदि आरोपियों को गिरफ्तार कर लूटा हुआ माल बरामद नहीं किया गया, तो शहर की सभी व्यापारी संस्थाएं आपात बैठक बुलाकर अलवर बंद की घोषणा कर सकती हैं। व्यापारियों ने कहा कि हमें हमारा लूटा हुआ माल वापस चाहिए, वरना बड़ा आंदोलन होगा।
स्वयं सुरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस की मांग
व्यापारियों ने ज्ञापन में आग्रह किया कि पुलिस पर भरोसा लगातार कम होता जा रहा है, इसलिए आत्मरक्षा के लिए व्यापारियों को हथियारों के लाइसेंस दिए जाएं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वे अपनी सुरक्षा खुद कर सकें।
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‘नाकेबंदी में कमी से बढ़ रहे अपराध’
व्यापारी नेताओं ने आरोप लगाया कि शहर की कई मुख्य सड़कों पर पुलिस नाकेबंदी कमजोर है, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। व्यापारियों का कहना है कि लगातार हो रही घटनाओं से जनता में भी गहरा रोष है और भरोसा कायम रखना अब पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है।