बारां जिले के छीपाबड़ौद क्षेत्र के सारथल कस्बे की ग्राम पंचायत काल्पा जागीर में नरेगा योजना के तहत कार्यरत मजदूरों में अचानक संक्रमण फैलने का मामला सामने आया है। यहां 70 से अधिक मजदूरों के शरीर पर फुंसी जैसे दाने उभर आए, जिससे गांव और आसपास के क्षेत्र में चिंता का माहौल बन गया।
1 दिसंबर से चल रहा था कार्य
जानकारी के अनुसार, सभी मजदूर मॉडल तालाब निर्माण कार्य में लगे हुए थे, जिसकी शुरुआत 1 दिसंबर से की गई थी। काम के दौरान मजदूरों ने शरीर में जलन और असहजता की शिकायत की, जिसके बाद यह बात धीरे-धीरे सामने आई कि कई मजदूरों के शरीर पर समान प्रकार के दाने उभर रहे हैं।
चिकित्सा विभाग हुआ सक्रिय
मजदूरों की शिकायत मिलते ही चिकित्सा विभाग को तुरंत सूचना दी गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को चिकित्सा विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची और सभी प्रभावित मजदूरों की जांच की। जांच के बाद मजदूरों को आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गईं।
चार मजदूर बारां रेफर
प्राथमिक उपचार के बावजूद चार मजदूरों की स्थिति को देखते हुए उन्हें बेहतर उपचार के लिए बारां रेफर किया गया है। शेष मजदूरों की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है और उनकी लगातार निगरानी की जा रही है।
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मिट्टी और पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे
संक्रमण के कारणों का पता लगाने के लिए तालाब स्थल से मिट्टी और पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। इस दौरान ग्राम पंचायत का स्टाफ भी मौके पर मौजूद रहा और स्थिति पर नजर बनाए रखी।
कारणों की जांच जारी
छीपाबड़ौद पंचायत समिति सदस्य मांगीलाल मीणा ने बताया कि मजदूरों की शिकायत के बाद तुरंत संबंधित विभागों को सूचित किया गया था। वहीं चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नंदकिशोर वर्मा ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बीमारी के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। फिलहाल सभी प्रभावित मजदूरों पर चिकित्सकीय निगरानी रखी जा रही है।