बूंदी शहर के लंकागेट रोड स्थित पुरानी धान मंडी यार्ड में गुरुवार को कांग्रेस ने किसान ललकार रैली का आयोजन किया। इस दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली सहित अन्य नेताओं ने किसानों की समस्याओं को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने घरों में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इससे आमजन और किसानों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा, जिसे प्रदेशवासी सहन नहीं कर पाएंगे।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण जिले के अधिकांश किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। इसके बावजूद सरकार ने अब तक उन्हें मुआवजा देने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की है। डोटासरा और जूली ने मंच से घोषणा की कि कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और उनकी समस्याओं को लेकर सड़कों से लेकर विधानसभा तक संघर्ष जारी रहेगा।
सभा में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और प्रतिपक्ष नेता के अलावा बूंदी कांग्रेस जिला अध्यक्ष एवं केशवरायपाटन विधायक सीएल प्रेमी, हिंडोली विधायक अशोक चांदना, बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, बूंदी जिला प्रमुख चंद्रावती कंवर, पीसीसी सदस्य सत्येश शर्मा, कोटा के नइमुद्दीन गुड्डू और भानु प्रताप सिंह, नैनवां ब्लॉक अध्यक्ष धर्मराज मीणा, हिंडोली के लक्ष्मण बैरवा, बूंदी ब्लॉक अध्यक्ष रामकिरण मीणा, तालेड़ा ब्लॉक अध्यक्ष प्रेमशंकर राठौर, केशवरायपाटन ब्लॉक अध्यक्ष सर्वजीत सिंह, बूंदी शहर अध्यक्ष शैलेश सोनी, समृद्ध शर्मा, संदीप पुरोहित, भारत सिंह और कुलदीप सिंह सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सभा के बाद कांग्रेस नेताओं ने किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान हिंडोली विधायक अशोक चांदना, समृद्ध शर्मा और पीपलदा विधायक चेतन पटेल कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर धरने पर बैठ गए। चांदना ने कहा कि जब तक जिला प्रशासन किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं पर ठोस आश्वासन नहीं देगा, वे बूंदी नहीं छोड़ेंगे।
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काफी देर तक चली बातचीत के बाद जिला प्रशासन ने कांग्रेस की तीनों प्रमुख मांगों पर सहमति जताई। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की। रैली और प्रदर्शन में किसानों की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने कांग्रेस की ताकत को दर्शाया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर, किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला और स्मार्ट मीटर का फैसला वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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