चित्तौड़गढ़ स्थित श्री सांवलियाजी मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के साथ सुरक्षा में तैनात टाइगर सिक्योरिटी फोर्स के गार्डों की कथित दादागिरी का एक और मामला सामने आया है। रविवार रात को मध्यप्रदेश से आए एक श्रद्धालु के साथ गार्डों द्वारा अभद्रता और मारपीट किए जाने का आरोप लगाया गया है। इस घटना के बाद मंदिर परिसर और कार्यालय के बाहर काफी देर तक हंगामा होता रहा।
फोटो लेने पर शुरू हुआ विवाद
मध्यप्रदेश के नीमच जिले के कुकड़ेश्वर निवासी प्रियांशु मालवीय अपने कुछ साथियों के साथ श्री सांवलियाजी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। दर्शन के बाद वे कॉरिडोर से बाहर निकल रहे थे। उनके साथी आगे निकल गए, जबकि प्रियांशु पीछे रह गए। आरोप है कि उन्होंने कॉरिडोर में लगी जाली से हाथ बाहर निकालकर मंदिर का फोटो लेने का प्रयास किया। इसी दौरान वहां तैनात एक सिक्योरिटी गार्ड ने फोटो लेने को लेकर कथित तौर पर गाली-गलौज की।
टोका तो बढ़ा विवाद, मारपीट का आरोप
श्रद्धालु प्रियांशु मालवीय के अनुसार उन्होंने गार्ड को यह कहते हुए टोका कि यह मंदिर है और यहां इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। इस पर गार्ड ने उन्हें धमकाया। प्रियांशु ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाने की कोशिश की तो गार्ड ने अपने एक अन्य साथी को बुला लिया। आरोप है कि दोनों गार्डों ने उन्हें पकड़कर घसीटा और ऐसे स्थान पर ले गए जहां कैमरे नहीं थे।
गंभीर मारपीट और खून बहने का आरोप
श्रद्धालु का आरोप है कि वहां चार-पांच लोगों ने उनके साथ जमकर मारपीट की, जिससे उनकी नाक और पैर से खून निकलने लगा। मना करने के बावजूद मारपीट जारी रखी गई। आरोप है कि गार्डों ने उनके मोबाइल से बनाए गए फोटो और वीडियो भी जबरन डिलीट करवा दिए। जब नाक से खून बहने लगा तो कथित तौर पर उसी श्रद्धालु के रुमाल से फर्श साफ करवाया गया।
यह भी पढ़ें- Rajasthan News: अरावली संरक्षण को लेकर राज्यभर में प्रदर्शन, उदयपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प
इलाज के लिए भेजा गया अस्पताल
मारपीट के बाद गार्डों द्वारा एंबुलेंस बुलाकर श्रद्धालु को उपचार के लिए चिकित्सालय भिजवाया गया। इस दौरान मंदिर कार्यालय के बाहर भी काफी देर तक हंगामा चलता रहा। प्रियांशु मालवीय ने आरोप लगाया कि पुलिस उनकी बात नहीं सुन रही है और मंदिर कार्यालय में संबंधित गार्ड को छुपा दिया गया है।
पुलिस और मंदिर प्रबंधन पर भी उठे सवाल
श्रद्धालु का कहना है कि उन्होंने पुलिस थाने में कई बार फोन किया, लेकिन संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। मंदिर कार्यालय पहुंचने पर उनसे अंदर बैठकर बात करने को कहा गया, जबकि कथित रूप से आरोपी गार्ड को बाहर नहीं आने दिया गया। श्रद्धालु ने कहा कि लोग यहां श्रद्धा और विश्वास के साथ दर्शन करने आते हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं आस्था को ठेस पहुंचाती हैं।