जालौर जिले में लगातार हो रही बारिश और जलस्तर बढ़ने के बीच प्रशासन ने संभावित आपदा से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। शनिवार को जिला कलेक्टर डॉ. प्रदीप के. गावंडे ने कलक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबंधन को लेकर आपात बैठक ली और अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए।
जवाई बांध के खोले गए गेट
जल संसाधन विभाग के अनुसार शनिवार दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर जवाई बांध के 8 गेट खोले गए। इनमें 2 और 4 नंबर गेट को 2-2 फीट तथा 10 नंबर गेट को 1 फीट तक खोलकर पानी छोड़ा गया। बांध से पानी छोड़े जाने के साथ ही जिलेभर में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। बांध निर्माण के बाद यह 10वीं बार है जब इसके गेट खोले गए हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता के निर्देश
कलेक्टर डॉ. गावंडे ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित गांवों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम और मुनादी के जरिए समय पर चेतावनी दी जाए, ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित संभावित क्षेत्रों में पहले से तय आश्रय स्थलों पर भोजन, चिकित्सा और सुरक्षित ठहराव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर
पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया ने थानाधिकारियों को निर्देश दिए कि नालों और रपटों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाए और नदी के बहाव क्षेत्र में किसी को प्रवेश न करने दिया जाए। बैठक में एएसपी मोटाराम गोदारा, अतिरिक्त सीईओ चिंदबरा परमार, डीएसपी गौतम जैन सहित जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारी मौजूद रहे, जबकि उपखंड अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।
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विधायक जोगेश्वर गर्ग का बयान
राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक एवं जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने जवाई बांध के गेट खोलने के फैसले को जनहित में बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत से बातचीत कर उन्होंने मांग की थी कि बांध के पूरे भरने से पहले नियंत्रित तरीके से पानी छोड़ा जाए ताकि बाढ़ जैसी स्थिति न बने। साथ ही उन्होंने आमजन और किसानों से अपील की कि वे नदी के बहाव क्षेत्र से दूर रहें और किसी भी परिस्थिति में पानी में प्रवेश न करें।