राजस्थान के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। वहीं, जालोर जिले में पिछले तीन-चार दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शनिवार को हुई मूसलाधार बारिश के चलते जालोर जिला मुख्यालय की सड़के तालाब में तब्दील हो गईं। शाम के समय करीब चार घंटे तक हुई तेज बारिश से शहर की गलियां और मुख्य सड़कें पानी से लबालब हो गईं। कई जगहों पर पानी का तेज बहाव होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जलभराव से बढ़ी परेशानी
कलेक्ट्रेट रोड, बागोड़ा रोड, बस स्टैंड, शिवाजी नगर, राजेंद्र नगर, महादेव नगर, कृष्णा कॉलोनी, आईटीआई कॉलोनी,कॉलेज रोड और ज्योतिबा फुले नगर सहित शहर के निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालात ऐसे बने कि पैदल चलना तो दूर,वाहनों का आवागमन में भारी परेशानी हुई । तीन-चार घंटे की झमाझम बारिश ने शहर का हाल बेहाल कर दिया।
लगातार हो रही बारिश से जिले की कई नदियां और नाले उफान पर हैं। सुकड़ी,जवाई और लूणी नदी में पानी की आवक बनी हुई है, जिससे जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।मौसम विभाग ने दो दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि रविवार को भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर
इधर,जवाई बांध के गेट खोले जाने और लगातार बारिश से संभावित आपदा की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। जिला कलेक्टर डॉ. प्रदीप के. गावंडे ने शनिवार को पुलिस और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में समय पर चेतावनी पहुंचाई जाए। उन्होंने पब्लिक एड्रेस सिस्टम और मुनादी के जरिए जनता को आगाह करने, आश्रय स्थलों की पूर्व पहचान करने और जरूरत पड़ने पर भोजन, चिकित्सा व सुरक्षित ठहराव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए।
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लोगों से अपील की गई
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जलभराव वाले क्षेत्रों में अनावश्यक गतिविधि न करें और नदी-नालों के बहाव क्षेत्र से दूर रहें। साथ ही जवाई नदी और अन्य जल स्रोतों के पास फोटो या वीडियो बनाने जैसी लापरवाही न बरतें। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत बाढ़ नियंत्रण कक्ष से संपर्क करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। लगातार हो रही बारिश और जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी चिंता बढ़ गई है। लोगों ने प्रशासन से राहत और बचाव के त्वरित इंतजाम करने की मांग की है।
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