किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने जोधपुर में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के बजाय पूरी तरह निरस्त किया जाना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि राजस्थान के हिस्से का पानी राजस्थान को दिया जाए, जिससे यहां के किसानों को इसका लाभ मिल सके।
रामपाल जाट ने कहा कि सिंधु जल समझौते के कारण राजस्थान के हिस्से का पानी पाकिस्तान चला जाता है, जबकि यहां की भूमि और जल परियोजनाएं इस पानी के लिए सबसे उपयुक्त हैं। उन्होंने आग्रह किया कि सिंधु जल का पानी राजस्थान की चल रही और प्रस्तावित परियोजनाओं की ओर मोड़ा जाए, जिससे प्रदेश की सिंचाई समस्याओं का समाधान हो सके।
जाट ने यह भी कहा कि यमुना जल समझौते को हुए 31 साल बीत चुके हैं, लेकिन अब तक राजस्थान को एक बूंद पानी भी नहीं मिला। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि राजस्थान की सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। पहले से बनी परियोजनाओं को जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने जानकारी दते हुए कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से वार्ता की गई है। जयपुर में आयोजित अन्नदाता हुंकार रैली के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
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रामपाल जाट ने कहा, राजस्थान के किसानों को उनका हक मिलना चाहिए। सिंधु और यमुना जल समझौतों में राजस्थान की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार को तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे।
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