Lovely Kandara Encounter Case: जोधपुर में साल 2021 के अक्तूबर में गोधूलि वेला के समय बनाड़ रोड पर हुई लवली कंडारा एनकाउंटर अब फिर सुर्खियों में है। उस मुठभेड़ में हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा पुलिस की गोली लगने से घायल हुआ और उसकी मौत हो गई। इस मामले में वाल्मीकि समाज और लवली के परिजनों ने लगातार जांच की मांग की थी। पिछले वर्षों में विवादित एनकाउंटर ने शहर में कई प्रदर्शन और तनावपूर्ण स्थितियां पैदा की थीं।
जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की टीम आज जोधपुर पहुंची और सबसे पहले सेनापति भवन के पास पीडब्ल्यूडी चौराहे पर घटना का सीन रीक्रिएट किया। टीम ने जोधपुर कमिश्नर ओमप्रकाश प्रथम से मुलाकात कर मामले की जानकारी प्राप्त की। सीबीआई ने नोटिस जारी कर घटना के समय लवली के साथ मौजूद सभी लोगों को बुलाया है। जांच के दौरान टीम सड़क पर हुई मुठभेड़ और पुलिस की कार्रवाई की सत्यता को गहनता से देख रही है।
परिजनों का आरोप है कि एनकाउंटर से पहले लवली अपनी कार में था और तत्कालीन थानाधिकारी लीलाराम मेघवाल ने सरकारी पिस्तौल के साथ उसकी गाड़ी का पीछा किया। सीसीटीवी फुटेज में यह भी दिखाई देता है कि पुलिस की गाड़ी लवली की गाड़ी के आगे लगाई गई और गोलीबारी हुई। घटना के समय लवली की कार में कुल छह लोग सवार थे, जिनमें से दो भागने में सफल रहे।
यह भी पढ़ें- SMS अस्पताल अग्निकांड: आठ लोगों की मौत, 17 घंटे बाद पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री; कहा- आरोपियों पर होगी कार्रवाई
एनकाउंटर के बाद वाल्मीकि समाज और परिजनों का गुस्सा देखने को मिला। मथुरादास माथुर अस्पताल के मोर्चरी के बाहर प्रदर्शन हुए, जिनमें राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल भी शामिल हुए। नतीजतन तत्कालीन एडीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने वार्ता कर लीला राम सहित पांच आरोपियों को निलंबित किया।
26 अक्तूबर 2021 को आरोपियों को फिर बहाल किया गया, जिससे वाल्मीकि समाज में आक्रोश बढ़ा और कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने कई दिनों तक धरना प्रदर्शन हुआ। इस पर गहलोत सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। सीबीआई ने 9 जनवरी 2024 को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और अब घटनास्थल पर सीन रीक्रिएट करते हुए पूरे एनकाउंटर की सत्यता की पुष्टि कर रही है।
यह भी पढ़ें- SMS Hospital Tragedy: अधीक्षक-प्रभारी हटाए गए, इंजीनियर निलंबित; सेफ्टी एजेंसी पर FIR के निर्देश, मुआवजा घोषणा