राजस्थान विधानसभा का अगला सत्र अब एक सितंबर से शुरू होने की संभावना है। इस संबंध में सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है और विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल के बीच चर्चा हो चुकी है। मंत्री पटेल ने बताया कि सर्वदलीय नेताओं से भी विचार-विमर्श किया गया है, जिसके बाद तय हुआ है कि सत्र सितंबर के पहले सप्ताह में, सामान्यतः एक सितंबर से बुलाया जाएगा।
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धर्मांतरण विरोधी बिल और कोचिंग सेंटर रेगुलेशन बिल पर नजर
मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि पिछले सत्र में धर्मांतरण कानून का बिल नहीं आ सका था, लेकिन इस बार यह पटल पर लाया जाएगा। इसके अलावा प्रवर समिति को भेजे गए तीन विधेयक भी सत्र में आएंगे। इनमें गुर्जर समाज से जुड़े मुद्दों, कोचिंग संस्थानों के नियमन और विश्वविद्यालयों से संबंधित दो-तीन विधेयक शामिल हैं। इन सभी प्रस्तावित विधेयकों पर चर्चा कर उन्हें पारित कराने की योजना है।
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सदन में स्वस्थ बहस की उम्मीद
पटेल ने कहा कि राजस्थान विधानसभा की हमेशा से एक स्वस्थ परंपरा रही है, जहां मुद्दों और तथ्यों पर बहस होती है। उनका विश्वास है कि इस बार भी सभी सदस्य सर्वांगीण विकास से जुड़े विषयों पर अपनी बात रखेंगे और सरकार उन पर जवाब देगी। उन्होंने आशा जताई कि सत्र के दौरान कोई अनावश्यक हंगामा नहीं होगा और विपक्ष रचनात्मक सुझाव देकर जनता के हित में योगदान देगा। विपक्ष को ताकत मानते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष से आने वाले अच्छे सुझावों को सरकार अवश्य स्वीकार करेगी।